Last Updated: Tuesday, December 27, 2011, 08:24
ज़ी न्यूज ब्यूरोनई दिल्ली : लोकपाल पर संसद में शुरू हुई बहस में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज के आरोपों का जवाब देते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि लोकपाल में आरक्षण संविधान का उल्लंघन नहीं है। मैं पूछता हूं कि गुजरात में नौ साल से लोकायुक्त नहीं है, वहां भाजपा ने क्या किया? सिब्बल ने कहा कि हम सुपर लोकपाल नहीं ला सकते हैं।
सिब्बल ने कहा, 'अन्ना के जरिए भाजपा चुनाव में फायदा लेना चाहती है। मैं सदन को बताना चाहता हूं कि अगर भाजपा लोकपाल का विरोध करती है तो वह सेंस ऑफ द हाउस का उल्लंघन करेगी।' सिब्बल ने कहा कि भाजपा की हमेशा से नीति रही है, 'करप्शन अपनाओ और दूसरे पर आरोप लगाओ'। उन्होंने कहा कि भाजपा शासित राज्यों में मुख्यमंत्री लोकपाल की नियुक्त करता है और यहां भाजपा स्वतंत्र लोकपाल चाहती है। ऐसा क्यों? जिस-जिस राज्य में भाजपा की सरकार है वहां उसे सख्त लोकायुक्त लाने से कौन रोक रहा है? जहां तक भ्रष्टाचार की बात है तो कर्नाटक का उदाहरण भाजपा की असलियत को उजागर करता है।
सिब्बल ने कहा कि पिछले एक साल में भाजपा ने लोकपाल के लिए एक सुझाव नहीं दिया। क्या कोई सरकार इससे पहले इतना महत्वपूर्ण बिल लेकर आई है। खाद्य सुरक्षा बिल, भू अधिग्रहण बिल, शिक्षा का अधिकार बिल हमारी सरकार ही तो लेकर आई है। मनरेगा, सूचना का अधिकार हम ही लेकर आए हैं। मैं सदन को बताना चाहता हूं कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई केवल एक बिल से नहीं लड़ी जा सकती है। सीबीआई को आज जांच करने की पूरी स्वतंत्रता है। पीएम को लोकपाल के दायरे में लाने की विपक्ष की मांग मानी।
First Published: Tuesday, December 27, 2011, 15:30