Last Updated: Tuesday, December 13, 2011, 09:00
नई दिल्ली : भाजपा ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में वह लोकपाल के तहत प्रधानमंत्री, निचली नौकरशाही और नागरिक अधिकार पत्र शामिल किए जाने पर जोर देगी। लेकिन अगर सरकार नहीं मानी तो अन्य दलों से विचार विमर्श करके इस विधेयक में संशोधन पेश करेगी।
पार्टी के संसदीय दल की बैठक में मंगलवार को यह निर्णय किया गया। पार्टी के संसदीय दल के अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कल लोकपाल पर सरकार की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में भाजपा के रूख को तय किया गया। बैठक में लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज और राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरूण जेटली भी उपस्थित थे।
इस बैठक के बाद राज्यसभा में पार्टी के उप नेता एस एस अहलूवालिया ने संवाददाताओं को बताया, ‘लोकपाल पर आम राय बनाने के लिए सरकार ने कल सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इस विधेयक पर संसद की स्थायी समिति की रिपोर्ट में हमारे सदस्य पहले ही असहमति नोट दर्ज करा चुके हैं। सर्वदलीय बैठक में हम लोकपाल के तहत प्रधानमंत्री, निचली नौकरशाही और नागरिक अधिकार पत्र शामिल किए जाने पर जोर देंगे। अगर सरकार सहमत नहीं हुई तो हम अन्य राजनीतिक दलों के विचार विमर्श करके सदन में लोकपाल विधेयक पर संशोधन पेश करेंगे।’
उन्होंने कहा कि अगले कुछ दिनों में संसद में लोकपाल सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दे आने हैं और भाजपा ने अपने सभी सदस्यों से संबंधित सदनों में हाजिर रहने को कहा है। आहलुवालिय ने बताया कि इस संबंध में पार्टी सांसदों को व्हिप भी जारी किया जा चुका है। इसमें कहा गया है कि 22 दिसंबर संसद के समापन तक सदस्य हर दिन अपने सदनों में मौजूद रहें। उन्होंने बताया कि काले धन के मुद्दे पर आडवाणी की ओर से लोकसभा में कार्यस्थगन प्रस्ताव के तहत चर्चा कराने का नोटिस दिया जाएगा।
(एजेंसी)
First Published: Tuesday, December 13, 2011, 14:53