Last Updated: Wednesday, December 19, 2012, 15:44
नई दिल्ली : अनुसूचित जाति एवं जनजातियों के लिए प्रोन्नति में आरक्षण मुद्दे पर बुधवार को लोकसभा सदस्य विभाजित दिखे। सदस्यों के हंगामे के चलते लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार को तीन बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। सबसे पहले कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक और फिर दोबारा दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित की गई। तीसरी बार दोपहर तीन बजे तक के लिए सदन को स्थगित किया गया।
सुबह प्रश्नकाल जैसे ही शुरू हुआ समाजवादी पार्टी (सपा), जनता दल (युनाइटेड) व शिवसेना के सदस्य अध्यक्ष के आसन के नजदीक पहुंच गए और विधेयक के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। शिवसेना के नेताओं की मांग थी कि सरकार कपास के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ा दे।
विधेयक राज्यसभा में पिछले सप्ताह पारित हुआ था। अब इसे लोकसभा में रखा जाना है। विपक्षी सदस्यों को शांत करने के प्रयास में कांग्रेस सदस्यों ने भी विधेयक के समर्थन में नारेबाजी शुरू कर दी। उन्होंने कहा, "हम सामाजिक न्याय चाहते हैं।
दिल्ली में रविवार की सामूहिक दुष्कर्म की घटना के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), अकाली दल और जद (यु) की महिला सांसद अध्यक्ष के आसन के नजदीक पहुंच गईं और उन्होंने महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर बहस कराने की मांग की। हंगामा जारी रहने के चलते अध्यक्ष को एक बार फिर दोपहर तीन बजे तक के लिए कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, December 19, 2012, 15:44