Last Updated: Tuesday, March 12, 2013, 17:55

कानपुर : गंदे नाले ग्वालटोली के किनारे झोपड़ पट्टी में रहने वाली इंद्राणी से विश्व बैंक अध्यक्ष जिम यांग किम ने आम आदमी की तरह उसके घर परिवार के बारे में खूब बातचीत की।
वहीं, सरसौल के तिलसुहरी गांव में वह एक आम किसान नजर आये और खेती की बारीकियों के बारे में जानकारी ली। इतना ही नहीं रास्ते में पड़ने वाले एक सुलभ शौचालय में रुककर उन्होंने उसकी साफ-सफाई का जायजा भी लिया।
ग्वालटोली में उन्होंने इंद्राणी से पूछा, पानी कहां से लाती हो? उसने उत्तर दिया, साहब दिन में कुछ घंटे के लिये बिजली आती है तो पानी भर लेते हैं।
उन्होंने सवाल किया, काम क्या करती हो? जवाब मिला, साहब मेहनत मजदूरी। फिर उन्होंने सवाल किया, दिन में बिजली कितने घंटे आती है? साहब कभी 4 घंटे कभी पांच घंटे।
एक व्यक्ति रामलखन ने कहा कि साहब एक नौकरी दिला दें, इस पर उन्होंने दुभाषिये की मदद से उसकी बात समझी और बाद में आश्वसन के तौर पर उससे हाथ मिलाकर आगे बढ़ गये।
विश्व बैंक अध्यक्ष जिम यांग किम मंगलवार को शहर के गंदे नाले के किनारे बनी ग्वालटोली मलिन बस्ती और सरसौल के तिलसिहरी खुर्द में वहां रहने वाले लोगों से मिले। उनकी बिजली पानी की समस्या पूछी उनके हाथों से फूल माला ली उनसे माथे पर तिलक लगवाया।
सरसौल खुर्द में जिम एक किसान के खेत में काफी देर तक टहले और उससे फसलों के बारे में विस्तार से जानकारी ली।
ग्वालटोली की जिस मलिन बस्ती में विश्व बैंक अध्यक्ष गये थे, वहां नाले के पानी की इतनी बदबू आ रही थी कि खड़े रहना मुश्किल था। लेकिन जिम यांग किम के माथे पर शिकन तक नहीं आयी। उनमें हर बात जानने की उत्सुकता दिखी।
एक सरकारी राशन एवं किरासन तेल की दुकान पर अचानक विश्व बैंक अध्यक्ष रुक गए और वहां खड़े लोगों से पूछा कि क्या परेशानी है तो लोग अपनी परेशानी बताने लगे। इस पर जिले के आला अधिकारी तुरंत आगे आ गये और बताने लगे कि यहां गरीबों को सस्ती दर पर गेंहू, चावल, केरोसिन आदि मिलता है।
अधिकारियों के इतना बताते ही वह मुस्कुराते हुए आगे बढ़ गये। ग्वालटोली में ही कुछ गरीब महिलायें अपनी झुग्गी झोपड़ी के बाहर फूल लिये खड़ी थीं। विश्व बैंक अध्यक्ष का काफिला आगे बढ़ता जा रहा था, लेकिन अचानक उनकी नजर उन महिलाओं पर पड़ी और वह वापस लौटे और सुरक्षा की परवाह किये बिना उनसे फूल लेकर बातें करते आगे बढ़ गये।
बाल विकास पोषाहार विभाग ने अपने सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों को रंगा पुताकर और बच्चों को साफ सुथरे कपड़े पहनाकर केन्द्रों पर सुपरवाइजरों के साथ सजा संवारकर खड़ा किया था। लेकिन विश्व बैंक अध्यक्ष इन केन्द्रों के अंदर नहीं गये। बाहर से ही हाथ जोड़कर आगे बढ़ गये।
कानपुर से 35 किलोमीटर दूर सरसौल के तिलसुहरी खुर्द गांव में तो विश्व बैंक के अध्यक्ष किम ने खेती में काफी रुचि दिखायी। वहां पहुंचने पर उन्हें मालूम हुआ कि सेवानिवृत्त शिक्षक बाबू परिहार देशी तरीके से मशरूम की खेती करते हैं तो वह उनके खेत में पहुंचे और उनके खेती के तरीकों के बारे में बातचीत की। उन्हें जब पता चला कि बाबू कूड़े से खाद बनाकर फसल उगाते हैं तो उन्होंने उस जगह को देखने की इच्छा जताई और देखकर काफी खुशी जाहिर की और अपनी टीम को कुछ नोट कराया। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, March 12, 2013, 17:55