वाड्रा को क्लीनचिट का कोई मतलब नहीं: राजनाथ

वाड्रा को क्लीनचिट का कोई मतलब नहीं: राजनाथ

कानपुर : हरियाणा सरकार के चार उपायुक्तों (डीसी) की ओर से राबर्ट वाड्रा को जमीन खरीद मामले में क्लीन चिट दिए जाने का मजाक उड़ाते हुए भारतीय जनता पार्टी के नेता राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि हरियाणा सरकार के इन उपायुक्तों द्वारा जांच में वाड्रा को क्लीन चिट दिए जाने का कोई मतलब नहीं है। यह जमीन सरकार के अधिकारियों द्वारा दी गयी थी और सभी अधिकारी सरकार के ही नुमाइंदे होते हैं।

भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष नितिन गडकरी के भ्रष्टाचार के आरोपो में फंसे होने के सवाल पर सिंह ने कहा कि गडकरी पर जो आरोप लगाये गये हैं, उन्होंने सरकार की किसी भी एजेंसी से इसकी खुली जांच कराने को कहा है। गडकरी ने जितना साहसिक कदम उठाया है, वैसा साहसिक कदम भ्रष्टाचार के मामले में आरोपित, किसी भी राजनीतिक दल के नेता ने नहीं उठाया।

कन्नौज में एक कार्यक्रम में जाने के लिये आज सुबह कानपुर भाजपा नेता ने यहां सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि नितिन गडकरी किसी सामाजिक पद पर नहीं बैठे हैं, उसके बावजूद वह सरकार को खुली चुनौती दे रहे है कि वह जिस भी एजेंसी से चाहे, उनकी जांच करा लें। चूंकि वह किसी सरकारी पद पर नही बैठे हैं इसलिए उन्होंने कोई गड़बड़ी नहीं की है।

नितिन गडकरी के पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफे के सवाल पर सिंह ने कहा कि वह सांसद नहीं हैं और उनके पास कोई सरकारी पद भी नहीं है। जब वह किसी भी प्रकार से जांच को प्रभावित करने की स्थिति में नहीं हैं, तो फिर इस्तीफा किस बात का। जब वह हर तरह की जांच की खुली चुनौती दे रहे हैं, तो उनकी जांच की जानी चाहिए और उनकी जांच की पहल का स्वागत पार्टी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी और सुषमा स्वराज ने भी किया है।

यह पूछे जाने पर कि गडकरी को भाजपा अध्यक्ष के रूप में दूसरा कार्यकाल मिलना चाहिये या नहीं, भाजपा के पूर्व अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा कि इस प्रकार के आरोपों से गडकरी के अगले कार्यकाल पर कोई असर नहीं पड़ेगा। राबर्ट वाड्रा को जमीन मामले में हरियाणा के मेवात, पलवल, फरीदाबाद और गुड़गांव के उपायुक्तों (डीसी) द्वारा क्लीन चिट दिए जाने के मामले पर पूछे गये सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इस क्लीनचिट का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि इन्हीं डीसी ने वाड्रा को जमीन दी थी। अब खुद ही जांच कर क्लीन चिट दे रहे हैं और यह डीसी आखिरकार हरियाणा सरकार के अधीन ही काम करते है।

उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि ऐसे मामलो की निष्पक्ष जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में ही होनी चाहिए तभी सच सामने आ पाएगा। इंडिया अगेंस्ट करप्शन के अरविंद केजरीवाल द्वारा रोज राजनीतिक दलों पर लगाए जा रहे भ्रष्टाचार के आरोपों पर सिंह ने कहा कि कोई भी व्यक्ति किसी भी पार्टी पर आरोप प्रत्यारोप लगा सकता है, लेकिन आरोप लगाते समय इस बात की सावधानी बरतनी चाहिए कि देश की संवैधानिक संस्थाओं अथवा व्यवस्थाओं के प्रति जनसामान्य में अविश्वास नहीं पैदा हो, क्योंकि ऐसा होने पर देश के लोकतंत्र पर आंच आएगी।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार पर जिस तरह रोज नये नये भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं, वह स्वतंत्र भारत के इतिहास में किसी भी सरकार पर नहीं लगे हैं। यह सरकार अपनी साख खो चुकी है और देश में कभी भी मध्यावधि चुनाव हो सकते हैं और भारतीय जनता पार्टी हर समय चुनाव के लिए तैयार है। अयोध्या में राम मंदिर बनाए जाने के राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के मुददे को उन्होंने राजनीतिक नही बल्कि सांस्कृतिक मुद्दा बताया। (एजेंसी)

First Published: Friday, October 26, 2012, 13:49

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