Last Updated: Monday, March 4, 2013, 09:12

वाशिंगटन : प्रतिष्ठित वार्टन स्कूल ने विश्वविद्यालय के कुछ प्रोफेसरों और छात्रों के विरोध के बाद गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का इस माह के आखिर में प्रतिष्ठित वार्टन इंडिया इकोनोमिक फोरम में होने वाला मुख्य भाषण रद्द कर दिया गया।
इस प्रतिष्ठित वार्षिक कार्यक्रम की आयोजन समिति ने पेन्नसिलवानिया विश्वविद्यालय एवं वार्टन स्कूल प्रबंधन को इस ‘मुश्किल स्थिति’ में डालने को लेकर माफी मांगी। समिति ने कहा कि अब मोदी के स्थान पर कोई अन्य प्रमुख भारतीय नेता मुख्य संबोधन करेंगे जिनके नाम की घोषणा शीघ्र की जाएगी। लेकिन इस कार्यक्रम के लिए मोदी को न्यौतने के अपने फैसले पर कायम रहते हुए आयोजन समिति ने आशा जतायी कि कभी बाद में बिना किसी विवाद उन्हें न्यौता दिया जाएगा।
वार्टन इंडिया इकोनोमिक फोरम ने यहां जारी एक बयान में कहा कि वार्टन इंडिया इकोनोमिक फोरम में श्रीमान् मोदी का मुख्य संबोधन रद्द कर दिया गया है। मोदी को 22-23 मार्च को फिलडेल्फिया में होने वाले फोरम की बैठक में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्य संबोधन देने के लिए न्यौता दिया गया था। बयान में कहा गया है कि हम आशा करते हैं कि मोदी कहीं ज्यादा उपयुक्त मंच पर बोलेंगे जहां वह बिना किसी विवाद के छात्रों के साथ संवाद कर सकते हैं।
वार्टन के कुछ प्रोफेसरों एवं छात्रों ने कड़े शब्दों में पत्र लिखकर कहा कि उन्हें यह जानकर बहुत बुरा लगा कि फोरम ने मुख्य संबोधनकर्ता के तौर पर मोदी को न्यौता दिया है। पत्र में कहा गया है कि यह वही राजनेता हैं, जिन्हें अमेरिका ने 18 मार्च, 2005 को इस आधार पर राजनयिक वीजा देने से इनकार कर दिया था कि बतौर मुख्यमंत्री उन्होंने गुजरात में मुसलमानों को निशाने बनाने वाले दंगे को रोकने के लिए कुछ नहीं किया। योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया 23 मार्च को फोरम को संबोधित कर सकते हैं।
बयान में कहा गया है कि बहुविध मुख्य संबोधनों और पैनलों पर चुने गए वक्ताओं के साथ बतौर टीम हमारा लक्ष्य विचारों के मिलन के संवर्धन के लिए तटस्थ मंच उपलब्ध कराना है क्योंकि हम सभी भारत की सफलता की दिशा में काम करते हैं। फोरम ने यहां जारी एक बयान में कहा कि हम किसी राजनीतिक दृष्टिकोण पर मुहर नहीं लगाते और न ही हम किसी विशेष विचारधारा का समर्थन करते। एक टीम के तौर पर हमारा लक्ष्य केवल भारत के विकास की गाथा पर महत्वपूर्ण बातचीत को बढ़ावा देना है।
(एजेंसी)
First Published: Monday, March 4, 2013, 09:02