'विकसित गुजरात' पर 1.72 लाख करोड़ रुपए का कर्ज: दिग्विजय सिंह

'विकसित गुजरात' पर 1.72 लाख करोड़ रुपए का कर्ज: दिग्विजय सिंह

'विकसित गुजरात' पर 1.72 लाख करोड़ रुपए का कर्ज: दिग्विजय सिंहशाजापुर (मप्र)/नई दिल्ली : मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास के गुजरात मॉडल का भाजपा के सहयोगी दल जद (यू) और चिर प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस ने उपहास उड़ाया। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने मध्य प्रदेश के शाजापुर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘जब मोदी पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री बने तो राज्य पर 46000 करोड़ रुपये का कर्ज था लेकिन आज यह बढ़कर 1.72 लाख करोड़ रुपये हो गया है और राज्य के प्रत्येक नागरिक पर 26 हजार रुपये के कर्ज का बोझ है।’’ मोदी 2001 से गुजरात के मुख्यमंत्री हैं। भाजपा के कद्दावर नेता पर निशाना साधते हुए जद यू नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस बात पर जोर दिया कि इस बात को देखने की आवश्यकता है कि किसी खास राज्य ने अपनी विकास की यात्रा कहां से शुरू की।

उन्होंने नाम लिए बिना दिल्ली में जद यू की बैठक में कहा, ‘‘जब विकसित राज्य बढ़ता है तो भी कई लोग इसे विकास के तौर पर स्वीकारते हैं। हम पिछड़े रहे हैं। अगर हम विकसित होते हैं तो इसपर चर्चा की जानी चाहिए। बिहार के विकास की अपनी कहानी है।’’

विकास के दावों के लिए मोदी पर प्रहार करते हुए कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि प्रगति की तमाम चर्चाओं के बावजूद तथ्य यह है कि गुजरात का प्रत्येक नागरिक 26000 रुपये के कर्ज के बोझ से दबा है। सिंह ने कहा कि इस आंकड़े ने गुजरात के विकास के बारे में मोदी के तमाम दावों का पर्दाफाश कर दिया है। उन्होंने कहा कि विकसित गुजरात में सामाजिक समानता के मामले में पुरुषों और स्त्रियों के बीच काफी अंतर है और दलितों को नदियों से पानी लेने से अनेक बार रोका गया है। यहां तक कि हाल में भी ऐसा हुआ है। सिंह की राय से सहमति जताते हुए पार्टी महासचिव बी के हरिप्रसाद ने भी भाजपा नेताओं के इस दावे को खारिज कर दिया है कि मोदी ने अपने नेतृत्व में गुजरात का चौतरफा विकास सुनिश्चित किया है। (एजेंसी)

First Published: Monday, April 15, 2013, 12:06

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