Last Updated: Friday, April 20, 2012, 13:56
दिसपुर/गुवाहाटी : असम के एक दिवसीय दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शुक्रवार को असम विधानसभा के प्लेटिनम जुबली समारोह का उद्घाटन किया। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर के विकास के लिए वह असम को विकास का एक नया इंजन बनाना चाहते हैं।
ज्ञात हो कि युनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) के वार्ता विरोधी गुट ने प्रधानमंत्री की इस यात्रा के विरोध में बंद का आह्वान किया है। अलगाववादी गुट के आह्वान को न मानते हुए भारी संख्या में लोग मनमोहन सिंह की झलक पाने के लिए घरों से बाहर निकले। प्रधानमंत्री वर्ष 1995, 2001 और 2007 में असम से राज्यसभा के लिए चुने गए हैं। प्रधानमंत्री ने अपनत्व की भावना दर्शाने के लिए लोगों को बधाई दी और कहा कि वह चाहते हैं कि पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए असम विकास के एक नए इंजन के रूप में उभरे।
प्रधानमंत्री ने कहा, 'मैं एक बार फिर अपने दत्तक राज्य असम में आकर आनंदित हूं। खासकर, बीहू के एक सप्ताह बाद यहां आकर मैं काफी खुश हूं। मेरी इच्छा है कि असम के लोग शांति, उन्नति एवं समृद्धि प्राप्त करें।'
उन्होंने कहा, 'मैं इस उपमहाद्वीप के एक हिस्से में एक दूर गांव में पैदा हुआ। यह हिस्सा अब भारत में नहीं है। मैं अपनी छोटी उम्र में बेघर और विस्थापित हो गया। अंतत: असम में मुझे एक घर मिला जिसने मुझे अपनत्व की भावना दी है।'
प्रधानमंत्री ने असम विधानसभा को लोकतंत्र का सबसे ऊंचा स्तम्भ करार दिया और इस सदन की शोभा बढ़ा चुके राज्य के नेताओं को श्रद्धांजलि दी। मनमोहन सिंह ने राज्य को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए असम सरकार को बधाई भी दी। उन्होंने कहा, 'मैं 12वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान असम को देश और पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए विकास के एक नए इंजन के रूप में उभरता देखना चाहूंगा। मुझे भरोसा है कि 12वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान असम 9.0 फीसदी से अधिक का विकास दर दर्ज करेगा।'
उल्लेखनीय है कि उल्फा के वार्ता विरोधी गुट ने प्रधानमंत्री की यात्रा के विरोध में शुक्रवार को 12 घंटे का बंद का आह्वान किया है। गुट ने गुरुवार रात ऊपरी असम के जोरहट एवं शिवसागर में दो बम विस्फोट भी किए।
(एजेंसी)
First Published: Friday, April 20, 2012, 19:26