Last Updated: Monday, April 8, 2013, 14:01
ज़ी न्यूज ब्यूरोनई दिल्ली : गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राजधानी दिल्ली में फिक्की की महिला इकाई को संबोधित करते हुए कहा, हमारे देश में, हमारी सांस्कृतिक विरासत में मां का स्थान सर्वोपरि है। गंगा के प्रति हमारी श्रद्धा है तो गंगा को मां कहेंगे, भारत के प्रति हमारी श्रद्दा है तो भारत को मां कहेंगे।
महिला उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, 'सदियों तक गुलामी झेलने के चलते हममें खामियां आईं। सामान्य जीवन में नारी का क्या स्थान होना चाहिए वह हम भूल गए। 18वीं सदी में बेटी को जन्म लेने का अवसर मिलता था पर बाद में मौत का घाट उतार दिया जाता था पर 21वीं सदी में मां के गर्व में बेटी को मार दिया जाता है। हम 18वीं से पीछे चले गए हैं। हमें आगे जाना चाहिए था पर हम पीछे चले गए। यह सबसे बड़ा दुख है।'
उन्होंने कहा, 'रोएं तो किस पर रोएं, कहें तो किस से कहें ये डर ओर पीड़ा हमे सर उठाने की ताकत नहीं देता। मातृ शक्ति का गौरव को कैसे बचाया जाय। बेटियों को माराने के पाप के भागीदार मां और बाप दोनों हैं।'
मोदी ने कहा, 'बेटे और बेटियों के अतंर को खत्म करना होगा। लड़कियों की तादाद कम होने से संतुलन बिगड़ रहा है। नारी संधर्ष का प्रतीक है। नारी ताकत को स्वीकारना होगा। महिलाएं शक्ति का प्रदर्शन नहीं, संचय करती हैं। मौका मिलने पर महिलाएं पूरुष से ज्यादा कामयाब हो रहीं है। महिलाओं का सशक्तिकरण जरूरी है। महिलाओं के नाम से संपत्ति नहीं होती है।'
उन्होंने कहा कि गुजरात में महिलाओं के नाम पर रजिस्ट्रेशन फीस माफ की है। गुजरात के स्कूलों में बच्चे के नाम के साथ मां का नाम पहले लिखा जाता है। मातृ शक्ति का गौरव आधुनिक भारत की पहली सीढ़ी है।
First Published: Monday, April 8, 2013, 12:13