Last Updated: Wednesday, November 30, 2011, 15:43
ज़ी न्यूज ब्यूरो/एजेंसीरालेगण सिद्धि (महाराष्ट्र): अन्ना हजारे ने खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का विरोध करते हुए बुधवार को कहा कि यह भारतवासियों को गुलामी की तरफ ले जाएगा और सरकारी दावों के विपरीत इससे किसानों को फायदा नहीं होगा।
अन्ना ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार जनलोकपाल बिल कमजोर करने की कोशिश कर रही है। सरकार अपने वादे से मुकर रही है और तीन मुद्दों को भी टाल रही है। सिटीजन चार्टर के लिए अलग कानून क्यों बनाया जा रहा है। 22 दिसंबर तक सरकार के पास मौका है, अन्यथा वे अनशन करेंगे।
गांधीवादी कार्यकर्ता ने कहा कि अगर लोग कह रहे हैं कि यह (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) नहीं होना चाहिए तो आखिर क्यों आप जोर दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश व्यापार के लिए भारत आए और 150 साल तक हम पर राज किया, हमें गुलाम बनाया। क्या आप इसकी पुनरावृत्ति चाहते हैं? किसानों की भलाई के लिए सरकार गंभीर नहीं है।
अन्ना ने कहा, ‘वे (विदेशी निवेशक) आबो-हवा बिगाड़ देंगे। सरकार को इस पर विचार करना चाहिए। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के मुद्दे पर उनका कहना था, अगर ऐसा था तो आजादी के 65 साल बाद किसान आत्महत्या नहीं करते। उन्होंने कहा कि वह इस मुद्दे पर राजनीतिक पार्टियों के बीच आम सहमति की हिमायत करते हैं। अन्ना ने कहा कि तमाम पार्टियों को संकीर्ण विचारों से उपर उठना चाहिए। कोई अंतर-पार्टी मतभेद नहीं होना चाहिए।
अन्ना ने टीम अन्ना को मिली धमकी का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ लोगों ने हमें आगाह किया है, देश के लिए मर जाना मेरी अच्छी किस्मत होगी। उन्होंने कहा कि जब लोकपाल मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की जाएगी तब ही लोग सच्चाई से रूबरू होंगे। उन्होंने कहा कि हमने लोकतंत्र स्वीकार किया है और हमें संसद पर विश्वास है।
First Published: Thursday, December 1, 2011, 09:06