विधायी कार्यों में दखलंदाजी स्वीकार नहीं - Zee News हिंदी

विधायी कार्यों में दखलंदाजी स्वीकार नहीं

ज़ी न्यूज़ ब्यूरो

नई दिल्ली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कहा कि संवैधानिक प्रक्रियाओं और संसदीय संप्रभुता के सम्मान पर सरकार के जोर दिये जाने को इस तरह से पेश किया गया है मानों वह लोकपाल विधेयक के खिलाफ है. मुखर्जी ने यहां कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में पार्टी सांसदों को लोकपाल के मुद्दे पर जानकारी देते हुए कहा कि विधायी कार्यो पर हावी होने के प्रयास किये जा रहे हैं और जब सरकार संवैधानिक प्रक्रियाओं और संसदीय संप्रभुता के सम्मान करने पर जोर देती है तो यह आभास देने का प्रयास किया जाता है मानो सरकार लोकपाल विधेयक का विरोध कर रही है.

अन्ना के अनशन के दसवें दिन में प्रवेश करने की पृष्ठभूमि में मुखर्जी ने सांसदों से कहा कि जिस तरह धरना-प्रदर्शन करने का एक व्यक्ति का बुनियादी अधिकार महत्वपूर्ण है, सरकार भी मानव जीवन की रक्षा करने के लिए कर्तव्य से बंधी हुई है. इस बैठक में कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी सहित पार्टी के अनेक वरिष्ठ नेता और केन्द्रीय मंत्री मौजूद थे. हालांकि राहुल गांधी इस बैठक में खुद कुछ नहीं बोले, लेकिन पार्टी के कुछ युवा नेताओं सहित अनेक सांसदों ने अपनी चिंताओं और सरकार से अपनी अपेक्षाओं को वित्त मंत्री के समक्ष रखा.

कांग्रेस सांसदों ने लोकपाल के मुद्दे पर मीडिया में सरकार को मिल रही खराब कवरेज पर चिंता जताई. वह चाहते थे कि पूरी सक्रियता से जनता को इस मुद्दे की सच्चाई से अवगत कराया जाये. सांसदों ने संवैधानिक प्रक्रियाओं और संसदीय संप्रभुता के सम्मान का पुरजोर समर्थन किया और सरकार से आग्रह किया कि वह अन्ना पक्ष के आरोपों का प्रतिवाद करे. सांसदों ने उनके घरों के घेराव के अन्ना हजारे के आह्वान पर भी चिंता जताई और सरकार से मांग की है कि वह इस मामले से राजनीतिक ढंग से निपटे.

पार्टी के मीडिया विभाग के प्रमुख जनार्दन द्विवेदी ने सीपीपी की बैठक के बारे में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए बताया कि अन्ना पक्ष के साथ अनेक दौर की बैठक के बाद एक नई शर्त जोड़ी गयी कि सरकार अपना विधेयक वापस ले और जनलोकपाल विधेयक संसद में पेश करे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ऐसा मानती है कि लोकतंत्र में संविधान, संसद, कार्यपालिका और विधायिका के अपने क्षेत्र हैं और अपनी भूमिकायें हैं. लोकतंत्र के बुनियादी ढांचे को चुनौती देना वाली कोई चीज स्वीकार नहीं होगी.

द्विवेदी ने कहा कि बैठक में सांसदों ने कहा कि ऐसी कोई भी मांग जो संविधान, संसदीय प्रक्रियाओं को खारिज करती हो और लोकतंत्र एवं लोकतांत्रिक ढांचे को कमजोर करती हो उसे कतई स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सांसद उनके खिलाफ असंसदीय भाषा के इस्तेमाल को लेकर भी आहत थे.

First Published: Thursday, August 25, 2011, 17:20

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