Last Updated: Saturday, August 3, 2013, 19:50

नई दिल्ली : बीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश बढ़ाने तथा पेंशन क्षेत्र को विदेशी निवेशकों के लिये खोले जाने संबंधी प्रमुख विधेयकों को पारित करवाने के अपने प्रयासों के तहत वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने शनिवार को विपक्षी नेताओं से संपर्क कर संसद के मानसून सत्र में इस मुद्दे पर समर्थन मांगा। हालांकि, उन्हें कोई आश्वासन नहीं मिला।
संसद का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है। चिदंबरम ने सत्र के दौरान विचार के लिए आने वाले वित्त विधेयकों पर लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज, राज्यसभा में अरुण जेटली तथा वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा से मुलाकात की।
भाजपा नेताओं ने नियमित तथा अनिवार्य वित्तीय कामकाज का समर्थन करने पर सहमति जताई लेकिन संकेत दिया कि उनकी पार्टी बीमा तथा पेंशन क्षेत्र को और ज्यादा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिए खोले जाने का विरोध करती रहेगी।
भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा, ‘वह (चिदंबरम) उन वित्तीय विधेयकों पर विचार करने के लिए आये थे जिन्हें सरकार की मानसून सत्र में पेश करने की योजना है। वित्तमंत्री के कुछ सुझावों पर सहमति थी लेकिन अन्य पर असहमति रही।’
सरकार ने बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा को 26 प्रतिशत से बढाकर 49 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया है जिसका भाजपा विरोध करती है। मुख्य विपक्षी दल भाजपा इसके अलावा पेंशन क्षेत्र में एफडीआई सीमा को बढाकर 49 प्रतिशत करने का विरोध कर रही है।
ऐसा माना जाता है कि सत्र के दौरान भाजपा विभिन्न क्षेत्रों में एफडीआई नियमों में और ढील देने के मुद्दे उठाएगी और इस पर विस्तृत बहस पर जोर देगी।
सरकार ने इसी सप्ताह दूरंसचार, पावर एक्सचेंज, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस तथा कूरियर सेवा क्षेत्र में एफडीआई सीमा बढाने का फैसला किया है। इसके अलावा बहुब्रांड खुदरा कारोबार के लिए निवेश तथा सोर्सिंग नियमों में ढील दी गई है।
लोकसभा में विपक्ष की नेता स्वराज ने रुपये में गिरावट, बढ़ती कीमतों तथा कमजोर जीडीपी वृद्धि दर के मद्देनजर मौजूदा आर्थिक हालात पर बहस की मांग की थी।
बीमा तथा पेंशन विधेयक के अलावा मानूसन सत्र के एजेंडे में कंपनी विधेयक, प्रत्यक्ष कर संहिता विधेयक तथा सेबी कानून में बदलाव भी शामिल है। (एजेंसी)
First Published: Saturday, August 3, 2013, 19:50