Last Updated: Tuesday, December 18, 2012, 22:09
नई दिल्ली : विपक्ष के भारी दबाव में सरकार ने मंगलवार को विवादास्पद भूमि अधिग्रहण विधेयक को संसद के अगले सत्र तक के लिए टाल दिया।
यह विधेयक कल भी लोकसभा में पेश किये जाने के लिए कार्यसूची में सूचीबद्ध था लेकिन पदोन्नति में आरक्षण के मुद्दे पर भारी हंगामे के कारण इसे पेश नहीं किया जा सका और उम्मीद के मुताबिक सरकार ने इसे आज पेश करने के लिए सूचीबद्ध कराया।
पीठासीन सभापति सतपाल महाराज ने जैसे ही ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश को विधेयक पेश करने के लिए कहा, विपक्ष के सदस्य इसके विरोध में खड़ हो गए। भाजपा के राजनाथ सिंह ने इसका विरोध करते हुए कहा कि इतने महत्वपूर्ण विधेयक को जल्दबाजी में नहीं लाना चाहिए और इसे पुनर्विचार के लिए संसद की स्थायी समिति के पास वापस भेजना चाहिए।
सपा के मुलायम सिंह यादव ने कहा कि इस विधेयक से किसानों के महत्वपूर्ण हित जुडे हुए हैं इसलिए इस बारे में जल्दबाजी करना ठीक नहीं होगा। उन्होंने भी इसे स्थायी समिति को भेजने की सलाह दी।
माकपा के वासुदेब आचार्य ने कहा कि इस विधेयक के तीन संशोधन आज ही सदस्यों को दिए गए हैं और इतने कम समय में उनका अध्ययन नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जल्दबाजी में इतने महत्वपूर्ण विधेयक को पारित कराना उचित नहीं है इसलिए इसे संसद के अगले सत्र में लाया जाना चाहिए।
तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने भी आज ही विधेयक के संशोधन सदस्यों को दिए जाने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि ऐसा कम से कम एक दिन पहले किया जाना चाहिए था। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, December 18, 2012, 22:09