Last Updated: Thursday, January 31, 2013, 10:40
ज़ी न्यूज़ ब्यूरोनई दिल्ली : कमल हासन की फिल्म `विश्वरूपम` पर हुए विवाद के बाद केन्द्र सरकार कानून में बदलाव करने के बारे में विचार कर रही है। केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कानून में बदलाव के संकेत दिए हैं।
तिवारी ने टि्वट किया है कि अब समय आ गया है कि सिनेमेटोग्राफी एक्ट में संशोधन किया जाए ताकि राज्य सरकारें सेंसर बोर्ड की ओर से जारी प्रमाण पत्र पर सवाल खड़े न कर सकें। आगर ऐसा नहीं किया गया तो तो हर राज्य के पास अपनी सेंसरशिप हो जाएगी।
सूत्रों के मुताबिक, एक्ट में संशोधन के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय एक समिति का गठन करने जा रहा है। सरकार ऐसी अपीलेट बॉडी गठित करना चाहती है जहां राज्य सरकारें अपील कर सकें। यह खबर तमिलनाडु के एडवोकेट जनरल ए. नवनीता कृष्णन के उस बयान के बाई आई है जिसमें कहा गया था कि सेंसर बोर्ड अंतरिम आदेश जनहित के खिलाफ था। सेंसर बोर्ड फिल्मों को क्लीयरेंस देते वक्त नियमों का उल्लंघन करता है।
कृष्णन ने कहा कि प्रशासन ने फैसला कानून का राज कायम रखने और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए लिया था। मद्रास हाईकोर्ट की डिवीजन बैंच ने हमारी शर्तों को माना है। डबल बैंच ने सिंगल बैंच के फैसले को पलट दिया। सिंगल बैंच का फैसला व्यापक जनहित के खिलाफ था।
First Published: Thursday, January 31, 2013, 10:40