Last Updated: Tuesday, August 21, 2012, 22:54

नई दिल्ली : भारत का परमाणु हथियारों से लैस होना विश्व ताकतों को किसी खास रुख को अपनाने के लिए भारत को ब्लैकमेल करने और प्रत्यक्ष या परोक्ष धमकी देने से रोकने में काफी अहम साबित हुआ है । यह कहना है राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिव शंकर मेनन का।
मेनन ने बिना विस्तार में गए कहा कि साल 1998 से पहले कम से कम तीन मौकों पर अन्य शक्तियों ने प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से परमाणु हथियारों की धमकी दी ताकि भारत के रुख में बदलाव लाने की कोशिश की जा सके। परमाणु निरस्त्रीकरण विषय से जुड़े एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए मेनन ने कहा कि विश्व ताकतें भारत के व्यवहार में बदलाव नहीं कर पाईं और ऐसा ‘भारत के उस मजबूत नेतृत्व की वजह से हुआ जिसके होने का सौभाग्य हमें प्राप्त हुआ’।
उन्होंने कहा कि साल 1998 में परमाणु हथियारों से संपन्न राष्ट्र घोषित कर दिए जाने के बाद से हमें ऐसी धमकियों का सामना नहीं करना पड़ा है। मेनन ने कहा कि परमाणु हथियार एक अनिश्चित और अराजक दुनिया में देश की सुरक्षा में अहम योगदान कर रहे हैं। पूर्व विदेश सचिव ने कहा कि जिस वक्त हमने परमाणु हथियार संपन्न राष्ट्र बनने का फैसला किया उस वक्त परमाणु हथियारों से हमारी जो अपेक्षाएं थीं वह पूरी हुई हैं। उन्होंने कहा कि परमाणु हथियारों से हमारे लैस होने की घटना ने दूसरे देशों को भारत के खिलाफ परमाणु दबाव बनाने और ब्लैकमेल करने से रोका है।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कहा कि बहुत पहले से ही भारत ने यह स्पष्ट कर रखा है कि परमाणु हथियार सिर्फ बचाव के लिए है न कि युद्ध में इस्तेमाल किए जाने के लिए। पाकिस्तान की ओर साफ तौर पर इशारा करते हुए मेनन ने कहा कि परमाणु शक्ति संपन्न दूसरे देशों की तरह भारत के हथियार सैन्य असंतुलन कायम करने के लिए नहीं है। उन्होंने कहा कि परमाणु हथियार संपन्न होने के बाद सार्वभौमिक निरस्त्रीकरण के लिए भारत का तर्क भी वैश्विक स्तर पर मजबूत हुआ है। भारतीय विदेश सेवा के पूर्व अधिकारी मेनन ने कहा कि 1974 में अपने पहले शांतिपूर्ण परमाणु परीक्षण के बाद 24 साल तक हमने सार्वभौमिक परमाणु निरस्त्रीकरण और एक परमाणु मुक्त विश्व की अपील की और इसके लिए काम भी किया।
पाकिस्तान की ओर साफ तौर पर इशारा करते हुए मेनन ने कहा कि परमाणु शक्ति संपन्न दूसरे देशों की तरह भारत के हथियार सैन्य असंतुलन कायम करने के लिए नहीं है। उन्होंने कहा कि परमाणु हथियार संपन्न होने के बाद सार्वभौमिक निरस्त्रीकरण के लिए भारत का तर्क भी वैश्विक स्तर पर मजबूत हुआ है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, August 21, 2012, 22:54