Last Updated: Saturday, September 21, 2013, 23:51

नई दिल्ली : गुप्त खुफिया इकाई की कथित गतिविधियों को लेकर निशाने पर आए पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह ने जवाबी हमले में अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों को दुर्भावना से प्रेरित बताया। अपने कार्यकाल के दौरान स्थापित तकनीकी समर्थन संभाग (टीएसडी) के उमर अब्दुल्ला सरकार को अस्थिर करने संबंधी रिपोर्ट मीडिया में आने के बाद सिंह ने आरोपों को ‘सर्वाधिक बेतुका’ बताया।
पूर्व सेना प्रमुख ने कहा कि यह ‘हास्यास्पद और सर्वाधिक बेतुका’ आरोप है कि वह जम्मू कश्मीर सरकार को गिराने का प्रयास कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सेना ने वहां स्थिरता लाने के लिए काफी कुछ किया है। कुशासन के लिए राज्य के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पर निशाना साधते हुए जनरल सिंह ने कहा कि वह बिना किसी तथ्य के इन आरोपों पर बोल रहे हैं कि टीएसडी का इस्तेमाल राज्य सरकार को गिराने के लिए किया गया था।
अनधिकृत अभियान के लिए तकनीकी सहयोग प्रकोष्ठ (टीएसडी) का दुरूपयोग करने और वित्तीय अनियमितता में शामिल होने की रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर जनरल सिंह ने दावा किया कि सेना और रक्षा मंत्रालय को अपनी जांच में इकाई के बारे में कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला और इसे बंद करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के पास जांच रिपोर्ट भेजी है।
पूर्व सेना प्रमुख जनरल सिंह ने कहा, ‘इस पूरे मुद्दे पर रिपोर्ट दुर्भावना से प्रेरित है और इसके पीछे कई कारण है जिसमें से एक भाजपा नेता नरेन्द्र मोदी के साथ मंच साझा करना शामिल है। हथियारों के सौदागरों और रिपोर्ट के पीछे जो लोग हैं उनके बीच साठगांठ है।’
जनरल सिंह ने कहा कि एनएसए को भेजकर सरकार के इस मामले को बंद करने का निर्णय करने के बाद ‘रक्षा मंत्रालय में एक संयुक्त सचिव ने मेरे खिलाफ यह रिपोर्ट लीक की।’ इस बीच, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन ने (ऐसा समझा जाता है) खुफिया एजेंसियों के शीर्ष अधिकारियों के साथ-साथ रक्षा और गृह सचिव के साथ इस मुद्दे और इसके प्रभावों पर चर्चा करने के लिए बैठक की।
First Published: Saturday, September 21, 2013, 23:51