‘वीके सिंह की संसद संबंधी टिप्पणी उचित नहीं’

‘वीके सिंह की संसद संबंधी टिप्पणी उचित नहीं’

‘वीके सिंह की संसद संबंधी टिप्पणी उचित नहीं’नई दिल्ली : पूर्व सेना प्रमुख वीके सिंह के संसद भंग करने और उसका घेराव करने संबंधी आह्वान से यह बहस छिड़ गई है कि क्या 13 लाख सैनिकों की फौज की अगुवाई कर चुके व्यक्ति को लोकतंत्र के सर्वोच्च संस्थानों के बारे में इस तरह की मांग करनी चाहिए।

सिंह ने हाल ही में कथित तौर पर पहले संसद भंग करने और फिर गन्ना किसानों के समर्थन में इसके घेराव के लिए कहा था। उनके इन बयानों पर उनके ही पूर्ववर्तियों और सहयोगियों ने मिलीजुली प्रतिकिया जाहिर की है। उनके पूर्ववर्ती दीपक कपूर ने कहा कि पूर्व सेना प्रमुख का इस तरह की गतिविधियों में लिप्त होना उचित नहीं है। सेवारत लोग उन्हें पूर्व सेना प्रमुख के तौर पर देखते हैं और ऐसी बातें उचित नहीं होतीं।

सिंह के पूर्ववर्ती ने कहा कि संसद हमारे लोकतंत्र का सर्वोच्च निकाय है। किसी भी मुद्दे पर उसका उपयोग नहीं किया जा सकता तथा किया भी नहीं जाना चाहिए। दूसरी ओर जनरल वीके सिंह के राजनीति में आने के कदम का स्वागत करते हुए मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) जीडी बक्शी ने कहा कि 70 फीसदी अमेरिकी राष्ट्रपति पूर्व सैन्य अधिकारी हो सकते हैं तो जनरल सिंह राजनीति में क्यों नहीं जा सकते? उन्होंने कहा कि पूर्व सेना प्रमुख के तौर पर उनके राजनीति में आने में गलत कुछ भी नहीं है क्योंकि राजनीति केवल भ्रष्ट और अपराधियों के लिए ही नहीं है।

एक अन्य पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीपी मलिक ने कहा कि सिंह जो कर रहे हैं उसमें कानूनी तौर पर कुछ भी गलत नहीं है लेकिन जहां तक उनका सवाल है उनके लिये औचित्य से जुड़े मुद्दों पर यह उचित नहीं है। (एजेंसी)

First Published: Sunday, November 4, 2012, 10:24

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