Last Updated: Sunday, April 21, 2013, 11:43

नई दिल्ली : कांग्रेस की ओर से करीबी बढ़ाने के संकेतों को दरकिनार करते हुए माकपा ने कहा कि वह अगले लोकसभा चुनाव में संप्रग और राजग गठबंधन को पराजित करने के लिए काम करेगी और क्षेत्रीय दलों के साथ मिलकर राष्ट्रीय विकल्प तैयार करने की संभावना तलाश कर रही है। नरेन्द्र मोदी या भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार का विरोध करने के साथ माकपा ने कहा कि वह नव उदारवादी नीतियों को आगे बढ़ाने वाली कांग्रेस नीत धर्मनिरपेक्ष संप्रग सरकार का भी समर्थन नहीं कर सकती।
माकपा महासचिव प्रकाश करात ने प्रेट्र से कहा, ‘‘ गैर कांग्रेसी धर्मनिरपेक्ष सरकार की संभावनाएं अच्छी है और अगर ऐसी स्थिति आई तब सरकार बनाने में हम महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे।’’ अमेरिका के साथ असैन्य परमाणु करार के दौरान संप्रग सरकार के खिलाफ वाममोर्चा के अभियान को आगे बढ़ाने और इस मुद्दे पर समर्थन वापस लेने में अहम भूमिका निभाने वाले 65 वर्षीय करात ने दावा किया कि संप्रग सरकार के तीसरी बार सरकार बनाने की संभावनाएं क्षीण हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ कांग्रेस और भाजपा दोनों ही सरकार बनाने की स्थिति में नहीं हैं।’’
करात ने कांग्रेस नेता ए के एंटनी की उस टिप्पणी को कोई खास तवज्जो नहीं दी जिसमें कहा गया था कि वाममोर्चा ‘अस्पृश्य नहीं’ है और माकपा एवं अन्य वामदलों के साथ आगे सहयोग करने का संकेत दिया था। उन्होंने कहा, ‘‘ जहां तक हमारा प्रश्न है, संप्रग सरकर की ओर से आगे बढ़ायी जा रही नीतियां हमें अस्वीकार्य हैं। इसलिए हम कांग्रेस और संप्रग को पराजित करने का आह्वान करते हैं।’’ तीसरे मोर्चे को अच्छा विकल्प बताये जाने की बीजद प्रमुख नवीन पटनायक की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर करात ने कहा कि पटनायक ने नये विकल्प की आवश्कता बतायी है जो जरूरी है।
माकपा नेता ने कहा, ‘‘ जहां तक माकपा और वाममोर्चा का संबंध है, हम वैकल्पिक नीतियों पर आधारित विकल्प की संभावना तलाश रहे हैं। बिना वैकल्पिक नीतिगत मंच के तीसरा मोर्चा व्यवहार्य नहीं होगा।’’ उन्होंने स्पष्ट किया कि माकपा अगला चुनाव वामदलों के साथ मिलकर लड़ेगी। हम राज्यों में कुछ क्षेत्रीय दलों के साथ चुनावी सहयोग करेंगे।
यह पूछे जाने पर कि मोदी को भाजपा का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाये जाने की स्थिति में क्या धर्मनिरपेक्ष शक्तियां धर्मनिरपेक्ष सरकार बनाना सुनिश्चित करने का प्रयास करेगी, उन्होंने कहा, ‘‘ अगर भाजपा नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश करती है तब लोगों के समक्ष यह संदेश जायेगा कि भाजपा बड़े कारोबारी एजेंडे के साथ हिन्दुत्व के एजेंडे को आगे बढ़ा रही है। मुझे पूरा विश्वास है कि लोग इसे स्वीकार नहीं करेंगे।’’
करात ने कहा, ‘‘ हम सम्प्रदायिक शक्तियों को रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं, वहीं हम एक ऐसी सरकार चाहते हैं जो नव उदारवादी नीतियों को आगे नहीं बढ़ाए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ हम ऐसी सरकार का समर्थन नहीं कर सकते हैं जो नवउदावादी नीतियों को आगे बढ़ाती हो और जो जनविरोधी और देश के हितों के खिलाफ हो।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या वाममोर्चा अगले चुनाव में भ्रष्टाचार या सम्प्रदायिकता के मुद्दे पर चुनाव लड़ेगा, करात ने कहा, ‘‘ हम चुनाव में भाजपा और कांग्रेस दोनों के खिलाफ लड़ेंगे क्योंकि भ्रष्टाचार इन दोनों दलों की ओर से बढ़ायी गई नव उदारवादी नीतियों का परिणाम है।’’ करात ने इस बात का संकेत दिया कि विपक्ष कोयला घोटाला मुद्दे पर सीबीआई की रिपोर्ट को हल्का बनाने के संबंध में सरकार के कथित हस्तक्षेप के मुद्दे को जोरदार ढंग से उठायेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘ सरकार को इस बात का जवाब देना होगा कि विधि मंत्री ने कोयला ब्लाक आवंटन मामले की जांच कर रही सीबीआई जांच को प्रभावित करने का क्यों प्रयास किया।’’ माकपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि वाममोर्चा संसद के आगामी सत्र में लोकपाल विधेयक मंजूर कराना चाहता है। उन्होंने कहा, ‘‘ हम बीमा क्षेत्र को विदेशी पूंजी के लिए खोलने का विरोध करेंगे। हमारी भूमि अधिग्रहण विधेयक पर कुछ आपत्तियां हैं।’’ (एजेंसी)
First Published: Sunday, April 21, 2013, 11:43