Last Updated: Friday, August 30, 2013, 15:02
नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने आज कहा कि व्यापार घाटे में वृद्धि के कारण देश की आर्थिक स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। वित्त राज्य मंत्री नमो नारायण मीना ने लोकसभा में मुरली मनोहर जोशी और अनंत हेगड़े के सवालों के लिखित जवाब में यह बात कही।
उन्होंने सदस्यों के इस सवाल से सहमति जतायी कि वर्ष 2012. 13 में आयात निर्यात के मूल्य के आधार पर देश में 191.6 अरब डालर का घाटा दर्ज हुआ है। उन्होंने वाणिज्य विभाग के हवाले से बताया कि वर्ष 2012-13 में कुल आयात 491.9 अरब डालर का हुआ था जबकि कुल निर्यात की राशि 300.3 अरब डालर थी।
मीना ने कहा कि इस प्रकार 191.6 अरब डालर का व्यापार घाटा हुआ है। उन्होंने कहा कि व्यापार घाटे में वृद्धि के कारण देश की आर्थिक स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। हालांकि पण्य (मर्केन्डाइज) व्यापार में वृद्धि हुई है, व्यापार घाटा भी बढ़ा है।
उन्होंने कहा कि वैश्विक आर्थिक संकट, यूरोप में वहां के देशों की सरकारों के रिण संकट तथा विकसित देशों में आर्थिक मंदी के कारण हमारे निर्यात की मांग पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। वित्त राज्य मंत्री ने बताया कि इंजीनियरिंग वस्तुओं, जवाहरात और आभूषण, वस्त्र, इलेक्ट्रोनिक वस्तुओं, लौह अयस्कों, खनन से प्राप्त वस्तुओं के निर्यात पर 2012-13 के दौरान प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। (एजेंसी)
First Published: Friday, August 30, 2013, 15:02