शीतकालीन सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग - Zee News हिंदी

शीतकालीन सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग

नई दिल्ली : इस महीने की 22 तारीख से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र के हंगामी होने के आसार हैं। विपक्षी दलों ने पहले ही दिन मंहगाई, जाति आधारित जनगणना और कालाधन आदि मुद्दों को कार्यस्थगन नोटिसों के तहत उठाने की मंशा जताई है।

 

नया सत्र शुरू होने से पहले लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार द्वारा गुरुवार को  बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कई दलों ने शीतकालीन सत्र की अवधि बढ़ाए जाने की मांग की। उनका कहना था कि केवल 21 दिनों में सभी विषयों पर चर्चा और सरकारी कार्य कराना संभव नहीं है, जबकि इतने कम दिनों में सरकार 31 विधेयक पारित कराने का भी इरादा रखती है। वाम दलों, जदयू और राजद ने सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग की।

 

सत्र की अवधि बढ़ाए जाने के बारे में पूछे जाने पर लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने कहा, ‘जरूरत होने पर विचार किया जाएगा।’

 

विपक्षी दलों ने मंहगाई, कालाधन, लोकपाल, खराब आर्थिक स्थिति, भारत-पाक संबंधों में आया नया मोड़, रंगनाथ मिश्र रिपोर्ट, जाति आधारित जनगणना, भूमि अधिग्रहण, बीपीएल मानक, तेलंगाना, कश्मीर वार्ताकार रिपोर्ट और केन्द्र राज्य संबंधों जैसे विषयों को जोर शोर से उठाने का एजेंडा तैयार किया है।

 

सरकार की जम कर घेराबंदी करने के साथ ही विपक्ष ने आश्वासन दिया कि संसद की कार्यवाही में बाधा नहीं डाली जाएगी।

 

कम्युनिस्ट पार्टी के गुरूदास दासगुप्त ने संवाददाताओं के सवालों के जवाब में कहा, ‘‘हम चाहेंगे कि सत्र के पहले ही दिन मंहगाई के मुद्दे पर कार्यस्थगन प्रस्ताव मंजूर हो लेकिन ऐसा नहीं होने पर हम संसद को बाधित नहीं करेंगे। संसद की कार्यवाही बाधित होने से जनता में बहुत नाराज़गी है।’ (एजेंसी)

First Published: Thursday, November 17, 2011, 22:11

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