Last Updated: Friday, July 20, 2012, 15:48
नई दिल्ली : शीतलहर और पाले के कारण फसलों को होने वाले नुकसान को अब केंद्र और राज्य की ओर से सहायता मिल सकेगी। उल्लेखनीय है कि सरकार ने ऐसे मौसम को प्राकृतिक आपदाओं में शामिल करने का फैसला किया है। वर्तमान में तूफान, सूखा, भूकंप, आग, बाढ़, सुनामी, ओलावृष्टि, भूस्खलन, बर्फीला तूफान, बादल फटना और कीट प्रकोप प्राकृतिक आपदा में शामिल हैं और ये राज्य आपदा प्रबंधन कोष (एडीआरएफ) और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन कोष (एनडीआरएफ) के तहत राहत पाने के हकदार हैं।
आज यहां जारी आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया, ‘मंत्रिमंडल ने शीतलहर और पाले को भी प्राकृतिक आपदा मानते हुए इन कोषों से राहत पाने वाली आपदाओं में शामिल कर दिया है।’ कल शाम हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया। इससे पहले मंत्रिसमूह (जीओएम) ने शीतलहर और पाले को राहत पाने की हकदार प्राकृतिक आपदाओं की सूची में शामिल करने की सिफारिश की थी।
इस मामले पर विचार करने के लिए फरवरी 2011 में इस मंत्रिसमूह का गठन किया गया था जिसमें पूर्व वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी, कृषि मंत्री शरद पवार, गृह मंत्री पी. चिदंबरम, योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया शामिल थे। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के आग्रह पर इस प्रस्ताव पर विचार किया गया। (एजेंसी)
First Published: Friday, July 20, 2012, 15:48