Last Updated: Thursday, March 14, 2013, 16:47

नई दिल्ली : कश्मीर में बुधवार को हुए आतंकवादी हमले को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों ने गुरुवार को केंद्र की मजबूती पर सवाल उठाए और इन सवालों के बीच सरकार ने हमलावरों के तार पाकिस्तान से जुड़े होने का संकेत दिया लेकिन स्पष्ट रूप से यह नहीं कहा कि वे पाकिस्तानी थे।
लोकसभा और राज्यसभा में पढ़े गए अपने एक ही प्रकार के बयान में गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने बताया कि मुठभेड़ में मारे गए दो हमलावरों के कब्जे से कुछ सामान बरामद किया गया है जिस पर पाकिस्तान में निर्मित होने के चिन्ह हैं। मुठभेड़ में मारे गए आतंकियों के पास से पाकिस्तान में निर्मित सामान मिला है।
शिंदे ने कहा कि दो आतंकी श्रीनगर के बेमिना क्षेत्र में स्थित पुलिस पब्लिक स्कूल की फेंसिंग में एक छोटे से गैप का फायदा उठाकर आतंकी मैदान में घुसने में कामयाब रहे और वहां युवकों से घुलने मिलने के बाद फायरिंग शुरू कर दी। अजमल कसाब और अफज़ल गुरू को फांसी दिए जाने के बाद कश्मीर में हुए आतंकी हमलों जैसी घटनाएं होने की आशंका थी।
हमले की विभिन्न दलों द्वारा की गई कड़ी आलोचना शिंदे ने यह बयान दिया। राजनीतिक दलों का आरोप था कि सरकार बार बार होने वाली आतंकी घटनाओं को रोकने में विफल रही है। साथ ही सरकार पाकिस्तान से भी निपटने में नाकाम रही है जहां से इन हमलों को अंजाम दिया जाता है। हमलावरों के पाकिस्तानी होने का संकेत देते हुए शिंदे ने कहा कि मारे गए आतंकियों के शवों के पास से दो डायरियां मिली हैं, जिनमें दर्ज नंबर संदिग्ध रूप से पाकिस्तानी हैं। उनके कब्जे से त्वचा पर लगाया जाने वाला मलहम बेटनोवेट मिला है। जांच से पता चला है कि बेटनोवेट की यह ट्यूब कराची के 35 डाकयार्ड में ग्लैक्सो स्मिथलाइन पाक लिमिटेड में निर्मित है।
उन्होंने कहा कि ट्यूब का नाम उर्दू में लिखा था और डायरियों में दर्ज नंबर पाकिस्तानी मूल के लगते हैं। राज्यसभा में स्पष्टीकरण मांगे जाने पर शिंदे ने कहा कि उन्होंने यह नहीं कहा कि आतंकी पाकिस्तानी थे और उन्होंने उनको (आतंकियों) केवल विदेशी बताया है।
गृह मंत्री ने कहा कि मारे गए आतंकियों के पास से दो एके रायफल, पांच मैगजीन, दो पिस्टल और चार ग्रेनेड बरामद किए गए हैं।
राज्यसभा में सदस्यों द्वारा मांगे गए स्पष्टीकरण के जवाब में शिंदे ने कहा कि उन्होंने यह नहीं कहा कि आतंकवादी पाकिस्तानी थे। उन्होंने कहा है कि आतंकी विदेशी थे। उन्होंने कहा कि आतंकियों के पास से दो डायरियां, मलहम का एक ट्यूब मिला है। दोनों डायरियों में नंबर लिखे हुए हैं जिनके पाकिस्तानी होने का संदेह है।
उन्होंने कहा कि आगे की जांच से पता लगा है कि ट्यूब ग्लैक्सो स्मिथक्लाइन पाक लि., कराची के बने हुए थे। उन्होंने कहा कि ट्यूब का नाम उर्दू में लिखा हुआ है और डायरियों में दर्ज नंबर पाकिस्तानी मूल के प्रतीत होते हैं। शिंदे ने कहा कि हिजबुल मुजाहिद्दीन ने इस घटना की जिम्मेदारी लेने का दावा किया है। लेकिन इस दावे की प्रमाणिकता की पुष्टि की जानी है। विभिन्न सदस्यों द्वारा खुफिया जानकारी साझा करने में तालमेल नहीं होने का आरोप लगाए जाने पर शिंदे ने कहा कि हमें जो भी खुफिया जानकारी मिलती है, हम उन्हें साझा करते हैं और विभिन्न एजेंसियों के साथ उन्हें साझा करते हुए पूरे देश में देते हैं।
पिछले दिनों हैदराबाद में हुई आतंकी घटना का जिक्र करते हुए शिंदे ने कहा कि उस समय एलर्ट जारी किया गया था और इसमें मुंबई, पुणे जैसे बड़े शहरों को विशेष तौर से एलर्ट जारी किया गया था। उन्होंने कहा कि हैदराबाद घटना की संयुक्त रूप से जांच की जा रही है। उन्होंने हालांकि स्वीकार किया कि खुफिया व्यवस्था को और शक्तिशाली होना चाहिए। सरकार द्वारा आतंकवाद और आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले पाकिस्तान से मजबूती से नहीं निपटे जाने के विपक्षी सदस्यों के आरोपों के जवाब में शिंदे ने कहा कि सरकार आतंकवाद से कड़ाई से निपट रही है। उन्होंने कहा कि यहां कोई चूड़ियां नहीं पहनी हैं। सबके हाथ में ताकत है।
गृह मंत्री ने कहा कि मुंबई हमलों के दोषी अजमल कसाब तथा संसद हमले के दोषी अफजल गुरू को फांसी दिए जाने के बाद हमें पता था कि इस प्रकार के प्रयास होंगे। उन्होंने कहा कि आप चाहते हैं कि हम कार्रवाई करें। यदि हम कार्रवाई नहीं करते तो तब आप कहेंगे कि सरकार हाथ बांधे बैठी है। गृह मंत्री ने कहा कि मारे गए आतंकी विदेशी मूल के मालूम होते हैं। हालांकि हिजबुल मुजाहिद्दीन के एक एजेंट ने घटना की जिम्मेदारी ली है लेकिन इस दावे की सत्यता का पता लगाया जाना अभी बाकी है। घाटी में आतंकवाद के मोर्चे पर हालात बद से बदतर होने के सदस्यों के विचारों से असहमति जताते हुए शिंदे ने कहा कि पिछले कई सालों से जम्मू कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं तथा घुसपैठ की घटनाओं में कमी आई है।
उन्होंने कहा कि हम पाक अधिकृत कश्मीर पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और वहां के शिविरों पर हमारी नजर है। हम बेहद सतर्क हैं। हमारी खुफिया एजेंसियां बेहद गंभीर हैं। गृह मंत्री ने कहा कि बेहतर खुफिया समन्वय के चलते कई घटनाओं को टाला गया है लेकिन यह ऐसा नहीं है कि इसके बारे में रोज रोज बात की जाए। घाटी में सुरक्षा बलों के पास पर्याप्त रूप से शस्त्र नहीं होने तथा आधे सीआरपीएफ जवानों के पास बंदूकें नहीं होने संबंधी आलोचना के जवाब में गृह मंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर में शांति में प्रगति है और सरकार हर बार ‘बंदूक तानकर’ शांति नहीं कायम करना चाहती। कई बार समस्या केवल लाठी से ही सुलझाई जा सकती है। गृह मंत्री शिंदे ने कहा कि हम वहां विशेष पैकेज देकर कश्मीर में शांति लाना चाहते हैं। हम भी वहां लंबे समय तक सेना को बनाए रखना नहीं चाहते। (एजेंसी)
First Published: Thursday, March 14, 2013, 14:51