Last Updated: Wednesday, March 7, 2012, 09:17
चेन्नई : तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने केंद्र से राज्य में श्रीलंका के अति महत्वपूर्ण व्यक्तियों (वीआईपी) के लगातार दौरे को ज्यादा बढावा न न देने के लिए कहा है। प्रधानमंत्री को एक पत्र में जयललिता ने यह भी कहा है कि श्रीलंका के अति महत्वपूर्ण व्यक्तियों के दौरे को केवल राज्य सरकार से मशविरे के बाद ही अनुमति देनी चाहिए।
श्रीलंकाई वीआईपी और अन्य उच्च पदाधिकारियों के बिना राज्य सरकार को सूचित किए ही निजी दौरे पर आने की बात को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा है कि इस तरह के दौरे को केवल राज्य सरकार से विचार-विमर्श के बाद ही अनुमति दी जानी चाहिए।
जयललिता ने कहा है कि कोलंबो से आने वाले अति महत्वपूर्ण व्यक्तियों और अधिकारियों के बिना राज्य सरकार को सूचित किए आने के कारण उनकी सरकार के सामने कठिनाइयां उत्पन्न होने के मसले को विदेश और गृह मंत्रालय के सामने लाया गया था। मुख्यमंत्री ने पत्र में कहा है कि श्रीलंकाई तमिलों और उनके अधिकारों के मुद्दे पर श्रीलंका सरकार के बर्ताव पर तमिलनाडु की जनता काफी संवदेनशील है।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि ऐसी स्थिति में यह उचित होगा कि राज्य सरकार को दौरे के बारे में पूर्व सूचना दी जाए। उन्होंने कहा है कि यदि भारत सरकार तमिलनाडु में उनके लगातार दौरे को बढावा नहीं देती है और भविष्य में ऐसे दौरे को केवल तमिलनाडु सरकार से विचार-विमर्श के बाद अनुमति दी जाती है तो यह सराहनीय होगा। हाल में श्रीलंकाई वीआईपी और अन्य अधिकारियों के बिना राज्य सरकार को सूचित किए निजी दौरे पर आने की घटना का हवाला देते हुए जयललिता ने श्रीलंकाई राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के परिजन तिरूकुमारन नाटेसन पर रामेश्वरम में हमले के प्रयासों की याद दिलाई। उन्होंने कहा है कि चूंकि न तो श्रीलंका सरकार और न ही भारत सरकार की तरफ से कोई सूचना प्राप्त हुई, जिससे ऐहतियाती उपाय नहीं किए जा सके।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, March 7, 2012, 15:51