Last Updated: Sunday, March 17, 2013, 22:46

लखनऊ : विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने आज कहा कि श्रीलंकाई तमिलों पर कथित अत्याचार के मुद्दे पर यूएनएचआर में श्रीलंका के खिलाफ मतदान करने से पहले द्रमुक सहित अन्य सहयोगी दलों से सलाह मशविरा किया जाएगा। इटली सरकार द्वारा दो भारतीय मछुआरों की हत्या के आरोपी नौसैनिकों को वापस भेजे जाने से इंकार कर दिये जाने के मामले में विदेश मंत्री ने कहा कि देश के सामने मौजूद विकल्पों के बारे में फिलहाल वह कुछ भी कहने वाले नहीं हैं।
खुर्शीद ने आज यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘फिलहाल इटली के मरीन मुद्दे पर हमारे पास उपलब्ध विकल्पों के बारे मैं कोई बात नहीं कहना चाहता हूं। यह मामला सर्वोच्च न्यायालय में है और सोमवार को इस पर सुनवाई होनी है।’ उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि विदेश मंत्री होने के नाते उनसे अपेक्षा की जाती है कि वे कम बोलेंगे।
तमिलों पर कथित अत्याचार के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में इस महीने के अंत तक श्रीलंका के खिलाफ मतदान करने के बारे में सरकार के रूख के बारे में खुर्शीद ने कहा कि इस विषय पर कोई भी फैसला द्रमुक सहित संप्रग सरकार में शामिल सभी सहयोगियों से विचार विमर्श के बाद लिया जाएगा। हज यात्रियों को छूट और पासपोर्ट दिये जाने को लेकर लोगों में व्याप्त भ्रम के बारे में विदेश मंत्री ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि पासपोर्ट तो सबको दिया जाता है लेकिन छूट (सब्सिडी) पहली बार हज यात्रा के लिए दी जाती है।
उन्होंने कहा कि हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हज के लिए पासपोर्ट मिलने में कठिनाई न हो और जरूरी हुआ तो इसके लिए और भी काउंटर खोले जाएंगे। यह पूछे जाने पर कि उनके संसदीय क्षेत्र फर्रूखाबाद में पासपोर्ट पाने वालों की संख्या अपेक्षाकृत कम है तो खुर्शीद ने कहा कि यह कोई मुद्दा नहीं है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, March 17, 2013, 22:46