Last Updated: Sunday, June 24, 2012, 10:40

नई दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कहा है कि अगले लोकसभा चुनाव में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार नहीं बनाए जाने की बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मांग भाजपा को अलग थलग करने और संघ को बचाव की मुद्रा में लाने का विश्वासघाती प्रयास है।
भाजपा को 2014 के अकेले ही लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए तैयार रहने की सलाह देते हुए कहा गया कि उसे ‘सेकुलर’ व्यक्ति को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने की नीतीश की भ्रामक बात पर ध्यान दिए बिना मोदी जैसे नेता और विकास के मुद्दे पर ध्यान केन्द्रित रखते हुए किसी भी कीमत पर इसे ‘धमनिरपेक्षता बनाम साम्प्रदायिकता की अराजक बहस’ में नहीं बदलने देना चाहिए।
संघ के अंग्रेजी और हिन्दी के मुखपत्रों ‘आर्गेनाइज़र’ तथा ‘पांचजन्य’ के ताज़ा अंकों में पार्टी को यह हिदायत दी गई। आर्गेनाइज़र में कहा गया है कि मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने की स्थिति में अगर ऐसे सहयोगी (जदयू) अलग होना चाहते हैं तो भाजपा को अपने बूते पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार रहना चाहिए। ऐसे में कोई नुकसान होने वाला नहीं है। अगर होता है तो भी आत्मा खोने से बेहतर है चुनाव में अस्थाई हार का सामना करना।’
लेख में कहा गया है कि जैसे-जैसे 2014 के चुनाव पास आते जाएंगे, कांग्रेस और अन्य दलों का मोदी विरोधी अभियान तेज़ होता जाएगा। इससे विचलित नहीं होने की भाजपा को सलाह देते हुए कहा गया है, ‘मोदी को निशाना बनाने से हिन्दू वोट भाजपा के पक्ष में संगठित होगा और इस वोट को अपने पक्ष में करने के लिए भाजपा को अलग से कोई प्रयास नहीं करना पड़ेगा।’ (एजेंसी)
First Published: Sunday, June 24, 2012, 10:40