Last Updated: Tuesday, May 14, 2013, 13:02

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त को आत्मसमर्पण के लिए और समय देने से इनकार कर दिया। उन्हें 1993 के मुंबई विस्फोट कांड के मामले में साढ़े तीन कैद की सजा काटनी है।
न्यायमूर्ति बी एस चौहान और न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की पीठ ने एक फिल्म निर्माता की याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया जिसने दत्त को आत्मसमर्पण के लिए और वक्त देने की मांग की थी ताकि वह अपनी दो निर्माणाधीन फिल्मों की शूटिंग पूरी कर सकें।
शस्त्र अधिनियम के तहत दोषी ठहराये गये दत्त को पांच साल कैद की सजा सुनाई गयी थी। वह डेढ़ साल की सजा पहले ही काट चुके हैं। उन्हें बाकी सजा काटने के लिए 16 मई से पहले जेल अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण करना है।
शीर्ष अदालत ने इससे पहले 10 मई को दत्त को दोषी ठहराये जाने और पांच साल की सजा के फैसले पर पुनर्विचार करने की दत्त की याचिका को खारिज कर दिया था। 53 वर्षीय दत्त को बाकी सजा काटने के लिए समर्पण करने के लिहाज से चार हफ्तों का वक्त दिया गया था।
उच्चतम न्यायालय ने 1993 के मुंबई श्रृंखलाबद्ध विस्फोट मामले में संजय दत्त को दोषी ठहराये जाने के फैसले पर 21 मार्च को अपनी मुहर लगाई थी। हालांकि शीर्ष अदालत ने 2006 में एक विशेष टाडा अदालत द्वारा दत्त को सुनाई गयी छह साल की कैद की सजा को कम करके पांच साल कर दिया और परिवीक्षा पर उनकी रिहाई से इनकार करते हुए कहा कि उनके अपराध की प्रकृति गंभीर है।
टाडा अदालत ने दत्त को 9 एमएम की पिस्तौल और एक एके-56 राइफल गैरकानूनी तरीके से रखने के मामले में दोषी ठहराया था। ये हथियार भारत में श्रृंखलाबद्ध विस्फोट करने के लिए लाये गये हथियारों और विस्फोटकों की खेप का हिस्सा थे। वर्ष 1993 में मुंबई में हुए विस्फोटों में 257 लोगों की मौत हो गयी थी और 700 से ज्यादा लोग घायल हो गये थे। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, May 14, 2013, 12:09