Last Updated: Saturday, February 25, 2012, 15:47
ज़ी न्यूज ब्यूरोनई दिल्ली : प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री वी. नारायणसामी ने शनिवार को कहा कि कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र के खिलाफ आंदोलन चला रहे पीपुल्स मूवमेंट अगेंस्ट न्यूक्लियर एनर्जी (पीमैन) के संयोजक एसपी उदय कुमार को यह साफ करना पड़ेगा कि स्वीडन से वित्त पोषित एनजीओ से उनका क्या संबंध है। सामी का यह बयान कुमार के उस बयान के बाद आया है जिसमें उन्होंने प्रधामनंत्री मनमोहन सिंह को बिना सबूत के अमेरिकी एनजीओ संबंधी बयान को वापस लेने को कहा है।
नारायणसामी ने कहा, 'हमें कुडनकुलम परियोजना के समीप तिरुनेलवेली और थुथुकुड़ी में सक्रिय गैर सरकारी संगठनों के बारे में कुछ रपटें प्राप्त हुई हैं। इन संगठनों को अमेरिका और स्कैंडिवेयिन देशों द्वारा वित्त पोषण किया जा रहा है।' सामी ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस बात की जांच की है कि जिस उद्देश्य के लिए इन संगठनों को विदेशों से राशि मिली, उस राशि का इस्तेमाल इन्होंने उन उद्देश्यों के लिए किया है अथवा नहीं। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के 12 एनजीओ अमेरिकी और स्कैंडिवेयिन देशों से राशि प्राप्त कर रहे हैं।
मालूम हो कि कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र के खिलाफ आंदोलन चला रहे पीपुल्स मूवमेंट अगेंस्ट न्यूक्लियर एनर्जी (पीमैन) ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की इस टिप्पणी का विरोध किया कि इसके विरोध के पीछे विदेशी गैर सरकारी संगठनों का हाथ है। पीमैन के संयोजक एसपी उदय कुमार की नाराजगी इस कदर हो गई है कि उन्होंने प्रधानमंत्री को बयान वापस लेने या इस्तीफा देने की नसीहत तक दे डाली है।
उदय का कहना है कि इस बयान के बाद प्रधानमंत्री को इस संबंध में सबूत मुहैया कराने चाहिए। वह किसी राजनीतिक लाभ के लिए यह लड़ाई नहीं लड़ रहे हैं। मालूम हो कि प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को कुडनकुलम परमाणु सयंत्र में हो रही देरी के लिए अमेरिकी संगठनों को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने कहा था कि कुछ अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संगठन हमारी परमाणु ऊर्जा के खिलाफ हैं और लोगों को बेवजह भड़का रहे हैं। अमेरिकी एनजीओ अपने मकसद को पाने के लिए स्थानीय एनजीओ का बेजा इस्तेमाल कर रहे हैं। सरकार के बयान के बाद केंद्र सरकार ने तीन एनजीओ के लाइसेंस तक रद्द कर दिए।
First Published: Sunday, February 26, 2012, 13:17