Last Updated: Wednesday, October 3, 2012, 14:40

नई दिल्ली: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बुधवार को कहा कि लैंगिक दृष्टि से संवेदनशील संसद ही सामाजिक समस्याओं का समाधान अधिक गहराई से कर सकती है। विभिन्न देशों की संसद की महिला अध्यक्षों के सातवें सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रपति मुखर्जी ने कहा, लैंगिक दृष्टिकोण से संवेदनशील संसद ही लैंगिक समानता सुनिश्चित करने और महिलाओं से सम्बंधित मुद्दों को प्राथमिकता देने में सफल होगी।
लैंगिक दृष्टि से संवेदनशील संसद विषय पर आयोजित सम्मेलन में राष्ट्रपति ने कहा, ऐसी संसद ही उन सामाजिक समस्याओं का समाधान अधिक गहराई से कर सकती है, जिनका सामना महिलाएं कर रही हैं। महिलाओं के खिलाफ हिंसा, कन्या भ्रूण हत्या, महिलाओं एवं नाबालिग लड़कियों की तस्करी, उनका शोषण और ग्रामीण महिलाओं में चिकित्सा तथा पौष्टिकता के अभाव से सम्बंधित मुद्दों का समाधान भी लैंगिक दृष्टि से संवेदनशील संसद ही कर सकती है।
राष्ट्रपति मुखर्जी ने कहा, मौजूदा 15वीं लोकसभा में 11 प्रतिशत महिला सांसद हैं। पहली लोकसभा में महिलाओं की उपस्थिति के मामले में यह बड़ा विकास है, जब केवल पांच प्रतिशत महिलाओं का प्रतिनिधित्व संसद में था। संसद में महिलाओं का प्रतिशत हालांकि साल-दर-साल बढ़ा है, लेकिन स्वीडन, अर्जेटीना, ब्रिटेन तथा अमेरिका के मुकाबले यह अब भी कम है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, October 3, 2012, 14:40