संवैधानिक पदों पर सियासत ना हो: आडवाणी - Zee News हिंदी

संवैधानिक पदों पर सियासत ना हो: आडवाणी

नई दिल्ली: भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने संवैधानिक पदों पर सरकार के मन-पसंद लोगों को बैठाने की कथित प्रवृत्ति को रोकने के लिए ऐसी नियुक्तियों की प्रक्रिया का पूर्ण अराजनीतिकरण करने की सोमवार को मांग की।

 

आडवाणी ने कहा कि संविधान, संवैधानिक संस्थाओं और उनके सदस्यों की नियुक्यिों आदि का कांग्रेस पार्टी की ओर से घोर दुरूपयोग किए जाने का इतिहास रहा है। इसे देखते हुए अगर ऐसी नियुक्यिों का अराजनीतिकरण कर दिया जाए तो बेहतर होगा।

 

उन्होंने अपने ब्लाग में कहा, ‘ मैं महसूस करता हूं कि प्रमुख संवैधानिक एवं विधाई निकायों का अराजनीतिकरण करने के लिए कानून बनाने का अब उचित समय आ गया है। ’

 

इस अराजनीतिकरण की शुरूआत उन्होंने चुनाव आयोग, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक, संघ लोक सेवा आयोग और सार्वजनिक उपक्रम चयन बोर्ड से करने की राय दी।

 

इसके लिए उन्होंने कहा कि उक्त संस्थाओं के सदस्यों एवं प्रमुखों के पदों पर नियुक्ति करने वाली चयन समितियों में संसद के दोनों सदनों के विपक्ष के नेताओं को शामिल करने भर से संवैधानिक संस्थाओं का अराजनीतिकरण करने की प्रक्रिया की शुरूआत की जा सकती है।

 

आडवाणी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस का कथित अलोकतांत्रिक, निरकुंश एवं अंहकारी आचरण हदें पार कर रहा है। इसके उदाहरण में उन्होंने कहा, ‘ ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी केन्द्रीय मंत्री ने उत्तर प्रदेश के मतदाताओं को खुली धमकी दी है कि या तो वे कांग्रेस को सत्ता में लाएं अन्यथा प्रदेश में राष्ट्रपति शासन के लिए तैयार रहें। ’

 

उन्होंने कहा कि उन्हें याद नहीं कि इससे पहले कभी किसी केन्द्रीय मंत्री ने किसी राज्य में राष्ट्रपति शासन केवल इसलिए लगाने की धमकी दी हो कि उस राज्य कांग्रेस के पक्ष में मतदान नहीं किया।

 

भाजपा नेता ने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 356 कहता है कि किसी राज्य में अगर वहां की सरकार संविधान के अनुसार नहीं चलती है केवल तभी वहां केन्द्रीय शासन लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि उस समय संविधान सभा में अनेक सदस्यों से चेतावनी दी थी कि इस अनुच्छेद का दुरूपयोग हो सकता है और संघीय ढांचे की अवमानना हो सकती है।

 

भाजपा संसदीय दल के अध्यक्ष के अनुसार इन आशंकाओं पर तत्कालीन विधि मंत्री डॉक्टर भीम राव अम्बेडकर ने संविधान सभा को आश्वासन दिया था कि यह प्रावधान कभी इस्तेमाल नहीं होगा और डेड लेटर यानी अप्रचलित कानून बना रहेगा। आडवाणी ने कहा, लेकिन पिछले 60 सालों में कांग्रेस ने अम्बेडकर के इस आश्वासन का बार बार उल्लंघन किया। इसे डेड लेटर बने रहना तो दूर इस अनुच्छेद का 100 से अधिक बार दुरूपयोग किया गया।

 

उन्होंने कहा कि इसके दुरूपयोग की ताज़ा धमकी केन्द्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने दी है। यह धमकी राज्य में किसी तरह की संविधान की मशीनरी के असफल होने की स्थिति में नहीं बल्कि केवल इसलिए दी गई है कि अगर उत्तर प्रदेश की जनता ने कांग्रेस को नहीं चुना तो राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाएगा। (एजेंसी)

First Published: Monday, February 27, 2012, 15:06

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