Last Updated: Friday, February 1, 2013, 19:55
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने संसद के बजट सत्र से पूर्व लोकपाल और लोकायुक्त विधेयक 2011 में संशोधनों को मंजूरी दे चुकी है और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे को पत्र लिखकर भरोसा दिला चुकी हैं कि बजट सत्र के दौरान लोकपाल विधेयक राज्यसभा में पारित करा लिया जाएगा। अन्ना हजारे हालांकि राज्यसभा की प्रवर समिति के 16 में से 14 संशोधनों को स्वीकार कर लिए जाने पर भी संतुष्ट नहीं हैं। संशोधित विधेयक की खास बातें इस प्रकार है:
- वाक्यांश `राजनीतिक दलों के साथ संबंधित` के स्थान पर `राजनीतिक दलों के साथ संबद्ध` लिखा गया है।
- चयन समिति का पांचवां सदस्य (कोई सुप्रसिद्ध न्यायविद्) चयन समिति के अन्य चार सदस्यों यथा प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष, लोकसभा में विपक्ष के नेता और भारत के प्रमुख न्यायाधीश की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत किया जाएगा।
- सरकार ने धार्मिक या धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए सोसायटी पंजीकरण अधिनियम के अधीन पंजीकृत केवल उन निकायों या प्राधिकरणों को छूट देने का निर्णय लिया है, जो किसी केंद्रीय या राज्य अथवा प्रांतीय अधिनियम के अधीन सार्वजनिक, धार्मिक या धर्मार्थ निकायों के प्रशासन के लिए स्थापित अथवा गठित या नियुक्त किए गए हों।
- राजनीतिक दलों को लोकपाल विधेयक 2011 के समीक्षा क्षेत्र से बाहर रखा गया है, क्योंकि वे पहले से ही जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के समीक्षा क्षेत्र में हैं।
- लोकपाल किसी सरकारी कर्मचारी के विरुद्ध जांच के आदेश दे सकता है, यदि उस सरकारी कर्मचारी से स्पष्टीकरण प्राप्त करने के बाद प्रथम दृष्टया मामला बनता है। सरकारी कर्मचारी को अपनी बात रखने का अवसर प्राप्त होगा।
- लोकपाल को सरकारी कर्मचारियों पर मुकदमा चलाने की स्वीकृति देने का अधिकार होगा।
- केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सुदृढ़ बनाने के संशोधन को स्वीकार कर लिया गया है, मगर एक संशोधन को स्वीकार नहीं किया गया है, जिसमें लोकपाल द्वारा भेजे गए मामलों की जांच करने वाले सीबीआई के अधिकारियों के स्थानांतरण के लिए लोकपाल की स्वीकृति प्राप्त करने का प्रावधान है।
गौर हो कि अन्ना हजारे और आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल की नाराजगी इस बात को लेकर है कि सीबीआई और केंद्रीय सतर्कता आयोग को सरकार के नियंत्रण से मुक्त नहीं किया जा रहा है और दोनों एजेंसियों को लोकपाल के दायरे से अलग रखा गया है। ऐसे में देश को भ्रष्टाचार से मुक्ति मिलने वाली नहीं है। (एजेंसी)
First Published: Friday, February 1, 2013, 19:55