Last Updated: Friday, September 7, 2012, 15:34
ज़ी न्यूज ब्यूरोनई दिल्ली : कोल ब्लॉक आवंटन मामले में मानसून सत्र के आखिरी दिन शुक्रवार को भी विपक्ष ने संसद में भारी हंगामा किया। हंगामा थमता न देख लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। दोवारा कार्यवाही शुरू होने पर फिर से हंगामा होता देख लोकसभा और राज्यसभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। इस दौरान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इस्तीफे को लेकर भाजपा समेत एनडीए के सांसदों ने संसद परिसर में धरना दिया।
भाजपा ने साफ किया है कि पार्टी संसद के इस सियासी जंग को सड़कों पर ले जाएगी। उम्मीद जताई जा रही है कि विदेश दौरे से लौटने के बाद पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी तय सियासी जंग के कार्यक्रम का ऐलान किया जाएगा। मालूम हो कि कोयले पर कोहराम के चलते गुरुवार को लगातार 12वें दिन भी संसद में कोई कामकाज नहीं हो सका।
सत्र के चार में से तीन सप्ताह कोयले पर हंगामे की भेंट चढ़ गए। वर्ष 1952 के पहले आम चुनाव के बाद से 15वें संसद सत्र तक हुए कामकाज का विश्लेषण कर संसदीय व्यवस्था पर शोध संस्था पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च ने ये निष्कर्ष निकाला है कि इस सत्र में अब तक सबसे कम काम हुआ है। पीआरएस के मुताबिक, संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) के दूसरे कार्यकाल के दौरान 15वीं लोकसभा में 27 फीसदी कम काम हुआ है जो एनडीए के 2004-09 और 1999-2004 के कार्यकाल से भी कम है।
First Published: Friday, September 7, 2012, 09:22