Last Updated: Friday, May 24, 2013, 16:08
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शिमला : संसद एवं विधानसभाओं में कामकाज में लगातार बाधा पड़ने से विधायी कामकाज के प्रभावित होने का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शुक्रवार को राजनीतिक दलों से इस समस्या का समाधान निकालने को कहा।
राष्ट्रपति ने यहां कहा कि जब मैं देखता हूं कि संसदीय और राज्य विधानसभा के कामकाज में बाधा आती है और कामकाज नहीं होता है तो मैं दुखी होता हूं। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के स्वर्ण जयंती समारोह को संबोधित करते हुए प्रणब ने कहा कि आजकल हम पाते हैं कि ‘डी’ से शुरू होने वाले तीन शब्दों डिबेट (चर्चा), डिसेंट (मतभेद) और डिसीजन (निर्णय) में अब चोरी छिपे एक नया ‘डी’ डिसरप्शन (बाधा) जुड़ गया है।
उन्होंने कहा कि मैं पाता हूं कि संसदीय लोकतंत्र में राजनीतिक विज्ञान में बाधा का कोई स्थान नहीं है। उन्होंने इसके लिए कुछ लोगों को आड़े हाथों लिया जो अपनी बात थोपना चाहते हैं। बार-बार बाधा का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि इससे उपयुक्त ढंग से चर्चा प्रभावित होती है और वित्त विधेयक पर चर्चा देश के लिए महत्वपूर्ण है। (एजेंसी)
First Published: Friday, May 24, 2013, 16:08