Last Updated: Monday, October 22, 2012, 14:07
कोलकाता : कांग्रेस से अलग होने के बाद तृणमूल कांग्रेस संप्रग सरकार की नीतियों के खिलाफ संसद के शीतकालीन सत्र में कार्यस्थगन प्रस्ताव या निंदा प्रस्ताव लाने पर विचार कर रही है, जिनमें मतदान का प्रावधान होता है। पार्टी ने अविश्वास प्रस्ताव लाने की संभावना को भी खारिज नहीं किया।
लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस संसदीय दल के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि हम सभी विकल्प खुले रख रहे हैं। इनमें कार्यस्थगन प्रस्ताव रखने या नियम 184 (निंदा प्रस्ताव) के तहत प्रस्ताव लाने का भी विचार है जिनमें मतदान का प्रावधान है। हम 193 के तहत प्रस्ताव रखने के बारे में भी सोच रहे हैं।
उन्होंने कहा कि दोनों ओर (सरकार और विपक्ष) के अनेक राजनीतिक दल हमारा समर्थन करेंगे। बंदोपाध्याय ने किसी पार्टी का नाम नहीं लिया और कहा कि फिलहाल पार्टियों के नामों का खुलासा करना राजनीतिक तौर पर सही नहीं होगा। उन्होंने कहा कि लोकसभा में 19 और राज्यसभा में नौ सदस्यों वाली तृणमूल कांग्रेस केंद्र के फैसलों के खिलाफ जनता दल (यू), बीजू जनता दल और समाजवादी पार्टी से सदन में समन्वय का प्रयास करेगी।
तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी ने पहले कहा था कि उनकी पार्टी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के बारे में सोचेगी। इस बारे में पूछे जाने पर बंदोपाध्याय ने कहा कि उचित समय पर उचित फैसला किया जाएगा। बंदोपाध्याय ने कहा कि हम अगले महीने के तीसरे सप्ताह में संसद के शीतकालीन सत्र की शुरूआत से पहले सदन में समन्वय के लिए इन दलों से बातचीत करेंगे। उन्होंने इस बाबत माकपा से बातचीत की संभावना को खारिज करते हुए कहा कि माकपा का विरोध सच्चा नहीं है। इसके विपरीत वह तृणमूल कांग्रेस को राजनीतिक तौर पर अलग थलग करना चाहती है। (एजेंसी)
First Published: Monday, October 22, 2012, 14:07