Last Updated: Friday, December 9, 2011, 14:38
नई दिल्ली : अन्ना हजारे के 11 दिसंबर को होने वाले एक दिन के अनशन से पहले सरकार ने कहा कि अन्ना पक्ष को लोकपाल के मुद्दे पर कोई आंदोलन करने से पहले विधेयक के पारित होने का इंतजार करना चाहिए।
जंतर मंतर पर अन्ना हजारे के प्रस्तावित एक दिन के अनशन और लोकपाल विधेयक पर संसदीय समिति की रिपोर्ट पर टीम अन्ना की आलोचना के बारे में पूछे गए सवाल पर संसदीय कार्य मंत्री पवन कुमार बंसल ने संवाददाताओं से कहा, ‘उन्हें संसद में निर्णय का इंतजार करना चाहिए। कानून पारित करना संसद की जिम्मेदारी है। कैबिनेट की बैठक में संभवत: 14 दिसंबर को विधेयक पर बातचीत हो सकती है।
दूसरी तरफ कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने प्रस्तावित लोकपाल को संवैधानिक दर्जा देने के सरकार के कदम का यह कहते हुए बचाव किया कि इससे किसी संस्थान को प्राधिकर एवं सत्यनिष्ठा की विशेष गारंटी मिलती है। खुर्शीद ने यह भी कहा कि राहुल गांधी की आकांक्षा और संकल्प है कि लोकपाल सुप्रीम कोर्ट जैसे देश के संवैधानिक सस्थानों से कम नहीं होना चाहिए।
एक टीवी चैनल से खुर्शीद ने कहा कि जो लोग लोकपाल के लिए संवैधानिक दर्जा नहीं चाहते हैं वे सरकार और जनता को बताएं वे ऐसा क्यों नहीं चाहते। अन्ना हजारे के इस आरोप पर कि सरकार ने अगस्त में संसद में अंगीकार ‘सदन की भावना’ के संबंध में अपने वादों को पूरा नहीं किया, खुर्शीद ने कहा कि जो लोग सदन के
अंदर हैं उन्हें उन लोगों की तुलना में इस भावना की बेहतर समझ होगी। उन्होंने कटाक्ष किया कि अन्ना के मित्र रिपोर्ट बहुत तेजी से पढ़ते हैं। मुझमें इतनी तेजी से रिपोर्ट पढ़ने की क्षमता नहीं है।
(एजेंसी)
First Published: Friday, December 9, 2011, 22:02