Last Updated: Thursday, May 3, 2012, 15:57
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट
ने गुरुवार को केंद्र से कहा कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए एक उचित तंत्र तैयार करे कि पाकिस्तानी कैदियों को उनकी सजा पूरी होने के बाद समयबद्ध ढंग से स्वदेश भेजा जाए। न्यायमूर्ति आरएम लोढ़ा के नेतृत्व वाली पीठ ने यह निर्देश उन कैदियों को स्वदेश भेजने में देरी पर चिंता जताते हुए दिया कि जो अपनी सजाएं काटने के बाद भी देश की जेलों बंद रहते हैं। पीठ ने कहा कि ऐसे कैदी मानसिक रूप से अस्वस्थ होते हैं। पीठ ने कहा कि यह समाप्त न होने वाली कवायद नहीं होनी चाहिए।
सजाएं पूरी होने के बाद कैदियों को समयबद्ध तरीके से स्वदेश भेजा जाना चाहिए। पीठ ने कहा कि तात्कालिकता की कुछ भावना होनी चाहिए। आपको समय से स्वदेश भेजने के लिए कुछ तंत्र विकसित करना चाहिए। पीठ उन 43 कैदियों के बारे में चर्चा कर रही थी जिसमें से 19 मानसिक रूप से अस्वस्थ हैं तथा 13 मछुआरे हैं जो अपनी सजा काटने के बावजूद जेलों में बंद हैं।
न्यायालय जम्मू कश्मीर पैंथर्स पार्टी के नेता प्रो. भीम सिंह की ओर से दायर जनहित याचिका की सुनवाई कर रहा था। जनहित याचिका में केंद्र को उन पाकिस्तानी कैदियों को स्वदेश भेजने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया गया था जो अपनी सजा काटने के बावजूद जेलों में बंद हैं। पीठ ने ऐसे कैदियों को स्वदेश भेजने को लेकर केंद्र की ओर से किए गए प्रयासों पर संतोष जताया लेकिन साथ ही यह भी कहा कि यह समयबद्ध ढंग से होना चाहिए।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, May 3, 2012, 21:27