Last Updated: Saturday, September 21, 2013, 16:55
लखनऊ : केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने मुजफ्फरनगर दंगों पर नियंत्रण करने में सुस्ती दिखाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की आलोचना करते हुए उन दंगों को भाजपा और समाजवादी पार्टी की तरफ से वर्ष 2014 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी का हिस्सा करार दिया है।
रमेश ने आज यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘मुझे लगता है मुजफ्फरनगर से 2014 लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू हो चुकी है। यह समाजवादी पार्टी और भाजपा का ट्रेलर है।’ उन्होंने कहा, ‘भाजपा ने जब अमित शाह को उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया, तभी उसका इरादा जाहिर हो गया था कि वह लोकसभा चुनाव को सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के सहारे लड़ना चाहती है। शायद समाजवादी पार्टी भी ऐसा समझती है कि इसमें उसे भी फायदा होने वाला है।’ रमेश ने प्रदेश सरकार पर मुजफ्फरनगर में हुए दंगों को नियंत्रित करने में सुस्ती दिखाने का आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री और प्रदेश सरकार ने जिम्मेदारी पूर्वक अपने दायित्व का निर्वहन नहीं किया।
उन्होंने कहा, ‘प्रदेश सरकार ने अपनी जिम्मेदारी निभाने में गंभीरता नहीं दिखाई .न तो स्थिति को समझने की कोशिश हुई और न ही सरकार का कोई प्रतिनिधि ही वहां गया।’ रमेश ने कहा कि वह तो जब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और संप्रग अध्यक्षा सोनिया गांधी द्वारा मुजफ्फरनगर दौरे की घोषणा कर दी तो मुख्यमंत्री अखिलेश उनके दौरे से एक दिन पहले वहां पहुंचे।
रमेश ने भाजपा नेता हुकुम सिंह से निजी तौर पर अच्छे संबंध होने की बात कहते हुए मुजफ्फरनगर दंगों में उनकी भूमिका पर भी अफसोस जताया और कहा कि यह दंगे अखिलेश यादव सरकार पर धब्बा है। उन्होंने कहा, ‘वह (अखिलेश) अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं सकते। लोगों को युवा मुख्यमंत्री से अपेक्षा थी कि वे प्रदेश के लिए कुछ करेंगे। मगर दुर्भाग्य की बात यह है कि मुजफ्फरनगर दंगों के बाद अब लोग इस मुख्यमंत्री को गंभीरता से नहीं लेंगे।’
आगामी लोकसभा चुनाव को कांग्रेस और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की विचार धारा के बीच संघर्ष बताते हुए, रमेश ने कहा कि भाजपा तो संघ का एक अनुषांगिक संगठन भर है और पिछले कुछ दिनों में भाजपा पर इसका नियंत्रण साफ दिखाई पड़ा है।
उन्होंने कहा, ‘भाजपा के साथ कांग्रेस की लड़ाई तो छह सात राज्यों तक ही सीमित है। अन्य राज्यों में तो लड़ाई क्षेत्रीय दलों से है।’ रमेश ने कहा कि भाजपा लोकसभा में 272 सीटे जीतने का लक्ष्य पाने की बात तो केवल माहौल बनाने के लिए कर रही है। आखिर उसे इतनी सीटें मिलेंगी कहां से।
केन्द्रीय मंत्री ने प्रदेश में आने वाले दिनों में सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की और भी कोशिशों का अन्देशा जताते हुए कहा कि यदि ऐसा होता है तो समाजवादी पार्टी भी उसका विरोध करने वाली नहीं है, क्योंकि उसको भी इसी में फायदा दिखाई पडता लगता है। (एजेंसी)
First Published: Saturday, September 21, 2013, 16:55