Last Updated: Sunday, October 7, 2012, 18:41

नई दिल्ली : राष्ट्रीय स्तर पर भूमि सुधार नीति की मांग को लेकर निकाले गए ‘जन सत्याग्रह मार्च’ का नेतृत्व कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता पीवी राजगोपाल ने उम्मीद जताई है कि कल (सोमवार) उनके प्रतिनिधियों और सरकार के बीच होने वाले बातचीत में सहमति बनने के आसार हैं।
राजगोपाल ने राजस्थान के धौलपुर से बातचीत में कहा, ‘सोमवार को सरकार और हमारे प्रतिनिधियों के बीच बातचीत होगी। उम्मीद की जानी चाहिए कि कोई सहमति बन जाएगी।’ ‘एकता परिषद’ के प्रमुख ने कहा, ‘हम सरकार के साथ एक ऐसा समझौता चाहते हैं जिसका कानूनी स्वरूप हो ताकि वह आगे भी कायम रह सके। हम एक मंत्री के लिखित आश्वासन मात्र से नहीं रुकने वाले हैं।’ पिछले दिनों केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश की ओर से राजगोपाल को एक पत्र भेजा गया था जिसमें उनकी कुछ प्रमुख मांगों पर कदम उठाने का आश्वासन दिए गए थे, हालांकि सत्याग्रहियों ने उस वक्त कहा था वे सरकार से ‘लिखित संकल्प’ अथवा कानूनी स्वरूप वाला कोई समझौता चाहते हैं।
सोमवार को राजगोपाल के प्रतिनिधियों और केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश के बीच बैठक होने वाली है। राजगोपाल का कहना है कि सरकार के साथ समझौता होने पर वह और उनके साथी कार्यकर्ता आगरा में ही अपने मार्च का समापन कर सकते हैं। वैसे, जयराम रमेश इस साल की शुरुआत से ही सत्याग्रहियों के साथ बातचीत कर रहे हैं और हाल ही में राजगोपाल एवं उनके साथियों से बातचीत के लिए वह ग्वालियर भी गए थे, हालांकि उस वक्त भी कोई सहमति नहीं बन पाई थी। रमेश के सामने केंद्र के स्तर पर विभिन्न विभागों के बीच तालमेल बैठाने की चुनौती के साथ ही एक मुश्किल यह भी है कि सत्याग्रहियों की कई मांगें सीधे तौर पर राज्य सरकारों से जुड़ी हुई हैं।
इस बारे में राजगोपाल ने कहा, ‘औद्योगिकी नीति बनाने में केंद्र सरकार राज्यों के साथ सहमति कैसे बना लेती है? भूमि सुधार पर वह राज्यों को विश्वास में क्यों नहीं ले सकती? हम आश्रय का अधिकार कानून चाहते हैं।’ प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय भूमि सुधार परिषद के सदस्य राजगोपाल एवं उनके साथियों की भूमि सुधार नीति के अलावा दूसरी प्रमुख मांग भूमि संबंधी मामलों के सुलझाने के लिए त्वरित अदालतों की स्थापना की है।
एकता परिषद की कुछ अन्य प्रमुख मांगें भूमिहीनों को खेती की जमीन का अधिकार देने, मनरेगा की तर्ज पर सभी के जिए आवासीय भूमि प्रदान करने, ग्रामीण क्षेत्र के प्रत्येक भूमिहीन एवं आश्रयहीन परिवार को 10 डेसिमल भूमि की गारंटी की नीति बनाने की है। इस तरह की 16 सूत्री मांगे हैं, जिनमें से कई का ताल्लुक सीधे तौर पर राज्यों से है। केंद्र के लिए इन पर सहमति बनाना बड़ी चुनौती है।
राजगोपाल के नेतृत्व में ‘जनसत्याग्रह मार्च’ 2 अक्तूबर से शुरू हुआ है और करीब एक महीने की यात्रा के बाद नई दिल्ली में 28 अक्तूबर को इसके समापन का कार्यक्रम है। राजगोपाल ने पिछले दिनों इस संदर्भ में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से भी मुलाकात की थी। (एजेंसी)
First Published: Sunday, October 7, 2012, 18:41