Last Updated: Wednesday, December 5, 2012, 14:58

नई दिल्ली : राज्यसभा में बुधवार को मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने आरोप लगाया कि सरकार नहीं चाहती कि उच्च सदन की कार्यवाही ढंग से चले क्योंकि पिछले कई दिनों से विभिन्न मुद्दों को लेकर सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे सपा और बसपा सदस्यों के हंगामे के चलते कामकाज अवरूद्ध हो रहा है। पार्टी ने मांग की कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को इस मामले में सफाई देनी चाहिए।
जेटली ने आरोप लगाया कि केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार और इसे समर्थन देने वाली पार्टियां जानबूझकर राज्यसभा की कार्यवाही बाधित कर रही हैं। इसकी वजह खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेशी (एफडीआई) पर राज्यसभा में मतदान को लेकर सरकार के पास पर्याप्त संख्या बल का नहीं होना है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता जेटली ने संवाददाताओं से कहा कि पहले दिन से ही सरकार खासकर राज्यसभा में कामकाज को लेकर गम्भीर नहीं है।
जेटली ने कहा कि मुझे लगता है कि सरकार इस बात को लेकर अनिश्चित है कि राज्यसभा में किस तरह मतदान होगा। इसलिए वह सदन की कार्यवाही नहीं चलने दे रही। मुझे संदेह है कि सत्तारूढ़ पार्टी तथा इसके समर्थक गुरुवार को भी एफडीआई पर बहस होने देंगे या नहीं? उन्होंने कहा कि सरकार जानबूझकर ऐसा माहौल बनाना चाहती है, जिससे सदन में काम न हो सके।
लोकसभा की कार्यवाही सुचारु रूप से चल रही है, लेकिन राज्यसभा की कार्यवाही बाधित हो रही है। पूरा देश देख रहा है। विपक्ष का कोई सदस्य सभापति के आसन के समक्ष नहीं गया। सरकार के सदस्य तथा समर्थक पार्टियां ही सदन की कार्यवाही स्थगित करा रही हैं।
गौरतलब है कि बुधवार को मुम्बई में डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर स्मारक बनाने की मांग पर पहले बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और बाद में अनुसूचित जाति एवं जनजाति को नौकरियों में प्रोन्नति में आरक्षण देने के प्रावधान वाले विधेयक के खिलाफ समाजवादी पार्टी (सपा) के हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित करनी पड़ी। दोनों पार्टियां संप्रग सरकार को बाहर से समर्थन दे रही हैं।
भाजपा ने मांग की कि इस मुद्दे पर सभापति सभी दलों के नेताओं की बैठक बुला कर गतिरोध दूर करने के लिए बातचीत करें। उच्च सदन में आज शून्यकाल के दौरान जब उपसभापति पी जे कुरियन ने विपक्ष के नेता अरुण जेटली को इंडियन ओलंपिक संघ से जुड़ा एक मुद्दा उठाने को कहा, तो सपा के सदस्य आसन के समक्ष आ कर सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जाति जनजाति के कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण देने के मुद्दे पर विरोध जताते हुए नारेबाजी करने लगे। इस कारण जेटली अपनी बात नहीं शुरू कर सके।
हंगामे का विरोध करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता एम वेंकैया नायडू ने कहा कि पिछले कई दिनों से सरकार के समर्थक दलों के हंगामे के कारण गतिरोध बना हुआ है और ढंग से कामकाज नहीं हो पा रहा है। सदन में कामकाज नहीं होने के लिए पूरी तरह से सरकार ही जिम्मेदार है।
नायडू की बात का समर्थन करते हुए जेटली ने कहा कि सत्तारूढ़ कांग्रेस के कुछ सदस्यों और सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे सदस्यों की नारेबाजी के चलते सदन में सामान्य ढंग से कामकाज नहीं हो पाना बेहद अफसोस की बात है। उन्होंने कहा कि क्या सरकार ने तय कर लिया है कि वह सदन में कामकाज नहीं होने देगी? (एजेंसी)
First Published: Wednesday, December 5, 2012, 14:44