सरकार ने दिया संकेत, FDI पर मत विभाजन के खिलाफ नहीं

सरकार ने दिया संकेत, FDI पर मत विभाजन के खिलाफ नहीं

सरकार ने दिया संकेत, FDI पर मत विभाजन के खिलाफ नहींनई दिल्ली : द्रमुक की ओर से सहयोग की हरी झंडी मिलने के बाद सरकार ने आज संकेत दिया कि वह खुदरा क्षेत्र में एफडीआई के मुद्दे पर संसद में मत विभाजन के खिलाफ नहीं है और उसके पास पर्याप्त संख्या बल है। बहुब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के फैसले पर विभाजन के प्रावधान के तहत नियम 184 के तहत चर्चा शुरू होने से संसद में जारी गतिरोध समाप्त हो सकता है।

आज संप्रग के नेताओं की घंटाभर चली बैठक के बाद प्रधानमंत्री ने संवाददाताओं से कहा, हां , संख्या बल को लेकर हम निश्चित हैं। इस मुद्दे पर संप्रग घटक दल एकजुट हो गए हैं। वह एफडीआई मुद्दे पर संसद में बने गतिरोध पर टिप्पणी कर रहे थे जिसके चलते 22 नवंबर से शुरू हुए संसद के शीतकालीन सत्र में अब तक चारों दिन कोई कामकाज नहीं हो सका है और आज भी लोकसभा की बैठक दो बार के स्थगन और राज्यसभा की बैठक एक बार के स्थगन के बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी गयी।

बैठक के बाद संसदीय मामलों के मंत्री कमलनाथ ने कहा, स्पीकर और सरकार के किसी भी फैसले पर संप्रग पूरी तरह एकजुट है.... सभी घटक सरकार के पीछे पूरी तरह एकजुट हैं। कल हुई सर्वदलीय बैठक का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, अधिसंख्यक दल चर्चा के पक्ष में थे जिसका फैसला स्पीकर को करना है। कमलनाथ ने कहा कि इस पर आज चर्चा की गयी और वह कल की बैठक में उभरी भावना से अवगत कराने के लिए स्पीकर से मुलाकात करेंगे।

लोकसभा में सदन के नेता और गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा, ‘‘ सोमवार तक , हर बात का फैसला हो जाएगा और सब कुछ ठीक हो जाएगा।’’ गतिरोध को समाप्त करने के लिए बुलायी गयी सर्वदलीय बैठक के एक दिन बाद संप्रग की बैठक हुई है।

बैठक में संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, रक्षा मंत्री ए के एंटनी, रालोद नेता अजीत सिंह , द्रमुक नेता टी आर बालू, राकांपा नेता शरद पवार और प्रफुल्ल पटेल, नेशनल कांफ्रेंस नेता फारूक अब्दुल्ला और वित्त मंत्री पी चिदम्बरम उपस्थित थे।

अभी तक एफडीआई पर मतविभाजन के मुद्दे पर उहापोह में फंसी द्रमुक ने सरकार को बड़ी राहत दी है। द्रमुक ने कहा है कि सांप्रदायिक बलों को दूर रखने और सरकार को गिरने से बचने के लिए वह यह ‘‘कड़वा घूंट’’ पिएगी। लोकसभा में सरकार सपा और बसपा से समर्थन के दावे और द्रमुक के खुले समर्थन के बाद सहज स्थिति में दिखाई दे रही है लेकिन राज्यसभा में मत विभाजन की स्थिति में दिक्कत हो सकती है जहां संप्रग के पास संख्या बल नहीं है। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, November 27, 2012, 22:24

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