Last Updated: Friday, March 15, 2013, 13:52
नई दिल्ली : द्रमुक और अन्नाद्रमुक सदस्यों ने आज मांग की कि सरकार को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में अमेरिका द्वारा पेश किए जाने वाले उस प्रस्ताव का समर्थन करना चाहिए जिसमें श्रीलंका में तमिलों को मारे जाने की निंदा की गई है और इसकी एक स्वतंत्र जांच की मांग की गई है।
सदन की बैठक शुरू होने पर यह मुद्दा उठाते हुए द्रमुक के तिरूचि शिवा ने कहा कि तमिलनाडु में छात्र उद्वेलित हैं और आंदोलन कर रहे हैं। यह आंदोलन जगह जगह फैल गया है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार को संयुक्त राष्ट्र में पेश किए जाने वाले उस प्रस्ताव का समर्थन करना चाहिए जिसमें युद्ध अपराधों की निंदा और इसकी स्वतंत्र जांच की मांग की गई है।उन्होंने कहा कि सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि जिनीवा में उसका रूख क्या होगा।
अन्नाद्रमुक के वी मैत्रेयन ने कहा कि 22 मार्च के बाद तमिलनाडु में छात्र अपना आंदोलन तेज कर देंगे और तब जो स्थिति होगी उसके लिए जिम्मेदार कौन होगा। उन्होंने कहा कि सरकार को नरसंहार की निंदा कर अमेरिकी प्रस्ताव को और अधिक कठोर बनाना चाहिए। (एजेंसी)
First Published: Friday, March 15, 2013, 13:52