Last Updated: Friday, June 29, 2012, 17:52
नई दिल्ली: भाजपा ने शुक्रवार को कहा कि प्रणब मुखर्जी के वित्त मंत्री की कुर्सी छोड़ने के 24 घंटे के भीतर ही प्रधानमंत्री कार्यालय का इस मंत्रालय के पूर्व के फैसलों की समीक्षा और बदलाव किए जाने की बातें करना कहीं इस बात का संकेत तो नहीं कि सरकार से बाहर करने के लिए कांग्रेस के इस दिग्गज नेता को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बना दिया गया।
पार्टी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने यहां भाजपा मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा, ‘प्रणब को वित्त मंत्री की कुर्सी छोड़े अभी चौबीस घंटे भी नहीं हुए। कुर्सी अभी भी गरम है और उस मंत्रालय का कार्यभार संभालने वाले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तथा प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से वित्त मंत्रालय के पूर्व के फैसलों की समीक्षा और उनमें बदलाव करने की बातें शुरू हो गई हैं।’
उन्होंने कहा कि प्रणव को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया जाना कहीं उन्हें सरकार से हटाने का प्रयास तो नहीं था ? जोशी ने चुटकी लेते हुए कहा, ‘क्या कैबिनेट में रहते प्रणव प्रधानमंत्री की बात नहीं सुनते थे या तब प्रधानमंत्री को ख्याल नहीं आया था कि वित्तमंत्री के फैसलों के अच्छे नतीजे नहीं मिल रहे हैं।’
भाजपा नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री इन बातों को स्पष्ट करें, वरना हम यह मानने को बाध्य होंगे कि वह वित्त मंत्री की नीतियों से खुश नहीं थे और इसीलिए उन्हें राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बना दिया गया। (एजेंसी)
First Published: Friday, June 29, 2012, 17:52