Last Updated: Wednesday, May 1, 2013, 16:06

अटारी: पाकिस्तान में जिंदगी की जंग लड़ रहे भारतीय कैदी सरबजीत सिंह का परिवार बुधवार को घर लौट आया। परिवार ने सरबजीत की दुर्दशा के लिए दोनों देशों को जिम्मेदार ठहराया तथा उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष एवं अन्य नेताओं के सामने यह मामला रखने का निश्चय किया है। उनके परिवार ने कहा कि सरबजीत को बचाने में नाकाम रहे मनमोहन सिंह को इस्तीफा दे देना चाहिए। सरबजीत लाहौर के एक अस्पताल में मौत से संघर्ष कर रहे हैं।
सरबजीत की बहन दलबीर कौर ने अटारी सीमा पर पत्रकारों से कहा कि मुझे इस बात से शर्म महसूस हो रही है कि उनकी जिंदगी को खतरा होने के बावजूद हमारा देश उन्हें बचाने में नाकाम रहा। सरकार की अयोग्यता सामने आ गई है। मनमोहन सिंह को फौरन इस्तीफा दे देना चाहिए।
दलबीर के अलावा, पत्नी सुखप्रीत कौर और बेटियां स्वपनदीप और पूनम अटारी-वाघा अंतर्राष्ट्रीय सीमा के जरिए सुबह 11.30 बजे भारत लौट आईं। उन्हें फौरन सुरक्षा घेरे के बीच अटारी स्थित सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के ब्रीफिंग कक्ष ले जाया गया। दलबीर ने कहा कि जब तक भारत सरकार उन्हें बचाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाती, वह अनशन पर रहेंगी।
उन्होंने अफजल गुरु और अजमल कसाब को दी गई फांसी का हवाला देते हुए कहा कि मुझे लगता है कि भारत और पाकिस्तान की सरकार षडयंत्र कर रही है। हमने कसाब और अफजल को फांसी दी, उन्होंने सरबजीत पर हमला किया।
परिवार ने कहा कि वह सरबजीत के इलाज की प्रक्रिया और उनके हालात के बारे में अंधेरे में रखे जाने से असंतुष्ट हैं।
उन्होंने कहा कि हम बुधवार शाम दिल्ली जा रहे हैं। मैं प्रधानमंत्री, सोनिया गांधी और सलमान खुर्शीद से मिलकर सरबजीत को बचाने की अपील करूंगी। हम सरबजीत को बचाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा फौरन कदम न उठाने को लेकर निराश हैं। सरकार ने अपने नागरिकों को छोड़ दिया है।
सरबजीत के दिमागी तौर पर मृत घोषित किए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह अभी भी जिंदा हैं। उनके शरीर में गति हो रही है। हमें पाकिस्तानी चिकित्सकों द्वारा उनकी चिकित्सकीय हालत की जानकारी नहीं दी जा रही। उन्हें बचा लीजिए। उन्हें भारत इलाज के लिए ले आइए। उन्हें उपचार के लिए विदेश ले जाइए। उनके उपचार के लिए भारतीय चिकित्सकों को भेजिए। जल्दी कुछ कीजिए।
उन्होंने कहा कि उन पर हमले की बड़ी साजिश रची गई है। मुझे इस बात का संदेह है कि हमारे वापस आ जाने पर पाकिस्तान प्रशासन उनके साथ जरूर कुछ करेगा। एक बार मैं दिल्ली में नेताओं से मिल लूं इसके बाद सुरक्षाकर्मियों द्वारा मुझे तालिबानियों से खतरा होने की बात कहे जाने के बावजूद मैं पाकिस्तान वापस जाउंगी।
सुखप्रीत ने कहा कि मेरे पति अभी भी जिंदा हैं। उन्हें बचाइए। मैं हाथ जोड़कर प्रार्थना करती हूं। मनमोहन सिंह और सोनिया इस गम्भीर स्थिति में सो रहे हैं।
स्वपनदीप ने कहा कि हम उनसे (सरबजीत) पांच बार मिले। उन्हें इस बात का अहसास नहीं था कि उनका परिवार उनके साथ है। उन्हें वापस लाने का अनुरोध करती हूं। हमें पाकिस्तान के चिकित्सकों पर भरोसा नहीं है।
26 अप्रैल को कोट लखपत जेल में साथी कैदियों के जानलेवा हमले में घायल हुए सरबजीत को लाहौर के जिन्ना हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, May 1, 2013, 13:17