Last Updated: Monday, April 29, 2013, 14:55
नई दिल्ली: केंद्रीय संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव शुक्ला ने सोमवार को कहा कि राजनीतिक दलों को पाकिस्तान में मौत की सजा का सामना कर रहे भारतीय कैदी सरबजीत सिंह को लेकर तुच्छ राजनीति नहीं करनी चाहिए। शुक्ला ने यहां संवाददाताओं से कहा कि कुछ लोग इस मुद्दे पर राजनीतिक लाभ हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं। हमें साथ मिलकर काम करना चाहिए और इस मामले को लेकर तुच्छ राजनीति में शामिल होने के बजाय सरबजीत तथा उनके परिवार को राहत मुहैया कराने की कोशिश करनी चाहिए।
कांग्रेस नेता शुक्ला ने कहा कि केंद्र सरकार इस मामले में हरसंभव कदम उठाने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग के अधिकारी पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में हैं और नियमित तौर पर अस्पताल जा रहे हैं, जहां सरबजीत भर्ती हैं।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने भी कहा कि सरबजीत पर लाहौर की कोट लखपत जेल में हुए जानलेवा हमले को लेकर सावधानीपूर्वक राजनीतिक प्रतिक्रिया देने की जरूरत है।
तिवारी ने कहा कि जो कुछ भी हुआ, वह दुर्भाग्यपूर्ण व निंदनीय है। लेकिन बेहतर यही होगा कि इस मुद्दे पर विदेश मंत्रालय या पाकिस्तान स्थित भारतीय उच्चायोग की ओर से प्रतिक्रिया आए।
दोनों केंद्रीय मंत्रियों की यह प्रतिक्रिया एक दिन पहले विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता प्रकाश जावड़ेकर के इस आरोप के बाद आई है कि केंद्र सरकार सरबजीत को सुरक्षा मुहैया कराने में नाकाम रही और उन्हें जेल में खतरे की आशंकाओं के बावजूद इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
सरबजीत वर्ष 1990 से जेल में बंद हैं। पाकिस्तान की अदालत ने उन्हें लाहौर व मुल्तान में बम विस्फोट के लिए दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई है। इन विस्फोटों में 14 लोगों की मौत हो गई थी। सरबजीत के परिवार का हालांकि दावा है कि वह निर्दोष हैं और गलती से पाकिस्तान की सीमा में प्रवेश कर गए थे। (एजेंसी)
First Published: Monday, April 29, 2013, 14:55