Last Updated: Monday, March 26, 2012, 14:53
ज़ी न्यूज ब्यूरो नई दिल्ली : टीम अन्ना की ओर से कल जंतर मंतर पर एकदिवसीय उपवास के दौरान कुछ सदस्यों द्वारा सांसदों के खिलाफ की गई कथित अभद्र टिप्पणियों पर विवादों में घिरे टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल ने अपने बयान पर कायम रहते हुए कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं कहा है और आज संसद के साथ विश्वसनीयता की गंभीर समस्या है। केजरीवाल ने कहा कि सांसदों को आत्ममंथन करना चाहिए कि आखिर क्यों लोगों का संसद में विश्वास खत्म हो रहा है।
उन्होंने कहा कि वे संसद की स्थिति के बारे में चिंतित हैं। लोगों का इससे भरोसा खत्म हो रहा है क्योंकि आपराधिक रिकार्ड वाले 162 लोग संसद के सदस्य हैं। कोई भी इस बात की अपेक्षा नहीं कर सकता कि संसद मजबूत लोकपाल पारित करेगी क्योंकि इससे इन सांसदों को जेलों में जाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि क्या आप इस संसद से अपेक्षा कर सकते हैं कि इतने सारे मामलों वाले सांसद मजबूत लोकपाल कानून पारित होने देंगे।
केजरीवाल ने कहा कि जब राजनीति प्रसाद ने लोकपाल विधेयक को फाड़ा तो किसी ने आपत्ति नहीं जताई। जब महिला विधेयक को फाड़ दिया गया तो किसी ने आपत्ति नहीं जताई। संसद में कुर्सियां और माइक फेंके जाते हैं लेकिन कोई आपत्ति नहीं जताता है। सांसदों को खरीदा जाता है और क्या यह संसद की मर्यादा को नहीं घटा रहा है। केजरीवाल ने कहा कि मैंने कुछ भी गलत नहीं कहा है। केजरीवाल ने कहा कि 1176 विधायकों के खिलाफ भी मामले दर्ज हैं। उन्होंने कहा कि जिन पार्टियों ने इन सांसदों को मनोनीत किया है, उन्होंने वास्तव में संसद का अपमान किया है और टीम अन्ना ने नहीं।
केजरीवाल ने दावा किया कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि नेता टीम अन्ना के खिलाफ बोल रहे हैं और इससे समस्या का समाधान नहीं होगा। वे लोगों के गुस्से को नहीं रोक सकते। उन्होंने कहा कि एक सांचे में सभी सांसदों को नहीं रख रहे हैं और उन्होंने साफ तौर पर 162 सांसदों के बारे में कहा है जो आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अच्छे सांसद हैं, लेकिन उनकी आवाज कमजोर है। यह पूछे जाने पर कि क्या वह विशेषाधिकार हनन के एक अन्य नोटिस का सामना करने को तैयार हैं तो उन्होंने सकारात्मक जवाब दिया। उन्होंने कहा कि लेकिन इससे मामले में मदद नहीं मिलेगी।
First Published: Tuesday, March 27, 2012, 00:05