Last Updated: Wednesday, June 20, 2012, 19:50
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की अक्तूबर 1984 में हत्या के बाद राजधानी में हुए सिख विरोधी दंगों में अब तक कम से कम 442 व्यक्तियों को सजा हो चुकी है।
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार अब तक विभिन्न अदालतों ने 442 व्यक्तियों को सजा सुनाई है। इनमें से 49 व्यक्तियों को उम्र कैद और तीन व्यक्तियों को दस साल से अधिक की कैद की सजा हुई है। अभी सिख.िवरोधी दंगों से संबंधित एक मुकदमे की सुनवाई निचली अदालत में चल रही है। इस अधिकारी के मुताबिक 1984 के दंगों के दौरान काम में लापरवाही या कोताही बरतने के आरोप में छह पुलिस अधिकारियों को भी दंडित किया गया है।
प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी की 31 अक्तूबर, 1984 को हुई हत्या के बाद दिल्ली और देश के कुछ अन्य हिस्सों में सिख विरोधी दंगे भड़के थे। इन दंगों में बड़ी संख्या में जान माल का नुकसान हुआ था। प्रधानमंत्री की हत्या के बाद सुनियोजित तरीके से दंगा भड़काये जाने के आरोपों के मद्देनजर सरकार ने अप्रैल 1985 में सिख विरोधी दंगों की जांच के लिए न्यायमूर्ति रंगनाथ मिश्रा की अध्यक्षता में एक जांच आयोग गठित किया था। जांच आयोग को इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के उपायों के बारे में अपनी सिफारिश भी करनी थी।
इसके बाद, दिल्ली प्रशासन ने इन मामलों की जांच के लिए कपूर-मित्तल समिति, जैन-अग्रवाल समिति और फिर आर के आहूजा समिति का गठन किया था। केंद्रीय जांच ब्यूरो को राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले चुनिन्दा व्यक्तियों की भूमिका से जुडे मामलों की जांच और पुन: जांच की जिम्मेंदारी सौंपी गई थी। जांच ब्यूरो ने पुन: जांच के बाद इन व्यक्तियों के खिलाफ सात मामले दर्ज किये थे। इस अधिकारी के अनुसार इन सात मामलों में से दो मामलों को बंद करने के बारे में जांच एजेन्सी की रिपोर्ट अदालत ने स्वीकार कर ली है जबकि पांच मामले विभिन्न च़रणों में है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, June 20, 2012, 19:50