‘सियाचिन पर भारत के रुख में परिवर्तन नहीं’ - Zee News हिंदी

‘सियाचिन पर भारत के रुख में परिवर्तन नहीं’



नई दिल्ली : रक्षा मंत्री एके एंटनी ने मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान के साथ सियाचिन मुद्दे पर जून के दूसरे हफ्ते में होने वाली बातचीत से बहुत चौंकाने वाले नतीजे आने की उम्मीद नहीं की जानी चाहिए और इस मुद्दे पर भारत के दृष्टिकोण में कोई परिवर्तन नहीं आया है। एंटनी ने कहा कि सियाचिन मुद्दे पर हाल के दिनों में काफी चर्चा हो रही है और कहा जा रहा है कि हमारे रुख में नरमी आ रही है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में कोई भ्रम नहीं होना चाहिए और हमारे रूख में न तो नरमी आ रही है और न ही इसमें कोई सख्ती आयी है। यह पहले जैसा था, वैसा ही अब भी है।

 

एंटनी ने कहा कि सियाचिन मुद्दे पर 12 दौर की बातचीत हो चुकी है और अगली बातचीत जून के दूसरे हफ्ते में होगी। उन्होंने हालांकि कहा कि इस बातचीत से कोई चौंकाने वाले नतीजे की उम्मीद नहीं की जानी चाहिए। एंटनी राज्यसभा में अपने मंत्रालय के कामकाज पर हुयी चर्चा का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि हम एक खतरनाक और नाजुक पडोस में रह रहे हैं और कोई नहीं जानता कि पाकिस्तान में क्या राजनीतिक भविष्य होगा। उन्होंने पाकिस्तान और चीन के बढ़ते संबंधों पर भी चिंता बतायी। उन्होंने कहा कि 10.20 साल पहले जो स्थिति थी, अब बदल गई है और उसी हिसाब से हमारी रणनीति भी बदल गई है।

 

एंटनी ने कहा कि हम सभी पडोसी देशों के साथ दोस्ताना संबंध चाहते हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और चीन के साथ बातचीत जारी रहेगी लेकिन इस बीच हम अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए भी काम करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों की 61 सड़कों में से 16 सड़कें पूरी हो गयी हैं और बाकी सड़कों को भी जल्द से जल्द पूरा करने पर जोर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती इलाकों में 14 रेल लाइन बिछाने का भी प्रस्ताव है और इसके लिए प्रक्रिया अंतिम चरण में है।

 

उन्‍होंने कहा कि 12वीं योजना में विभिन्न जरूरतों का ख्याल रखा जाएगा। सेना में हथियारों और साजोसामान की कमी की बात स्वीकार करते हुए एंटनी ने कहा कि यह एक दिन या एक साल की घटना नहीं है और यह आजादी के बाद से ही जारी है। इस संबंध में सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह द्वारा प्रधानमंत्री को पत्र लिखे जाने को सामान्य प्रक्रिया बताते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि विगत में भी सेना प्रमुखों द्वारा प्रधानमंत्री को पत्र भेजे जाते रहे हैं।

 

सेना में हथियारों की कमी का जिक्र करते हुए एंटनी ने कहा कि सशस्त्र बलों को 26-27 वर्ष से नई तोप नहीं मिली हैं। उन्होंने कहा कि इस क्रम में कई बार प्रयास किए गए। लेकिन आखिरी चरण आते आते सौदे को रद्द करना पड़ा क्योंकि कंपनियों भ्रष्ट आचरण में लिप्त थीं। वैसी कंपनियों को काली सूची में डाला गया है। रक्षा सौदों में भ्रष्ट आचरण में लिप्त कंपनियों को आगाह करते हुए एंटनी ने कहा कि भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

(एजेंसी)

First Published: Tuesday, May 8, 2012, 21:52

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