Last Updated: Friday, August 17, 2012, 20:16
नई दिल्ली : मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने वर्ष 2006 और 2009 के बीच कोयला ब्लॉकों के आवंटन पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट में कथित गड़बड़ियों का खुलासा होने पर शुक्रवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से इस्तीफे की मांग की। भाजपा ने इसे संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार का सबसे बड़ा घोटाला करार दिया है। पार्टी ने हालांकि सीएजी की रिपोर्ट की जांच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से कराने की जरूरत से इनकार किया।
लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने संवाददाताओं से कहा कि हम प्रधानमंत्री का इस्तीफा चाहते हैं लेकिन इस मामले में जेपीसी की जरूरत नहीं है। वहीं, पार्टी नेता एवं राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने कहा कि चंद निजी कम्पनियों को भारी लाभ पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री सीधे तौर पर, राजनीतिक और नैतिक रूप से जिम्मेदार हैं। संप्रग सरकार 2004 से 2012 तक कोयला ब्लॉकों के आवंटन के लिए प्रतियोगितापूर्ण नीलामी की अनुमति देने का फैसला नहीं ले सकी।
सीएजी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए जेटली ने कहा कि कोयला ब्लॉकों के आवंटन में विवेकाधीन तरीका अपनाने के बजाय प्रतियोगितापूर्ण नीलामी के फैसले को लागू करने में जुलाई 2004 से फरवरी 2012 तक आठ साल की देरी की गई। इसी का नतीजा है कि राजकोष को नुकसान और निजी कम्पनियों को भारी फायदा हुआ।
उन्होंने कहा कि जुलाई 2004 और मई 2009 के बीच कोयला मंत्रालय का प्रभार चूंकि प्रधानमंत्री के पास था, इसलिए वह प्रत्यक्ष रूप से इसके लिए जिम्मेदार हैं। उन्हें सीएजी की रिपोर्ट पर आत्मविश्लेषण करना चाहिए और इस्तीफा देना चाहिए। (एजेंसी)
First Published: Friday, August 17, 2012, 20:16