Last Updated: Sunday, June 30, 2013, 18:13

नई दिल्ली : सीबीआई स्वायत्तता को ‘छलावा’ करार देते हुए राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरूण जेटली ने रविवार को कहा कि इसमें राजनीतिक कार्यपालिका की बजाय उसकी ओर से काम करने वाले किसी संस्थान को लाकर ‘भ्रम’ पैदा करने की कोशिश की गयी है। उन्होंने कहा कि इस कदम का सभी को विरोध करना चाहिए।
भाजपा नेता ने कहा कि कैबिनेट का निर्णय सीबीआई को राजनीतिक हस्तक्षेप से किसी भी तरह मुक्त नहीं कर पाया है। उन्होंने कहा कि कोयला ब्लाक आवंटन घोटाले में सीबीआई की स्थिति रिपोर्ट से ‘छेड़छाड़’ करने का प्रयास करते हुए पूर्व कानून मंत्री, विधि अधिकारी और प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारियों के एक प्रकार से रंगे हाथों पकड़े जाने के बाद उच्चतम न्यायालय ने जांच एजेंसी को इस प्रकार के हस्तक्षेप से मुक्त रखने के लिए कहा था।
उन्होंने संप्रग पर आरोप लगाया कि वह समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों की जांच में सीबीआई का दुरूपयोग कर अपने अस्तित्व को कुछ और दिन बनाये रखने की कोशिश में है।
उन्होंने कहा कि गुजरात एवं राजस्थान में भाजपा नेताओं के खिलाफ आरोप तय करने में एजेंसी की भूमिका ने दिखा दिया है कि यह सत्ता में बैठी पार्टी के निर्देशों का पालन करने के लिए काम करती है।’ जेटली ने एक आलेख ने कहा, ‘जीओएम (मंत्रियों के समूह) पर आधारित केन्द्रीय मंत्रिमंडल का हालिया निर्णय एक छलावा है। यह राजनीतिक कार्यपालिका को हटाकर और उसकी ओर से काम करने वाले एक संस्थान की स्थापना कर भ्रम पैदा करने की कोशिश है। सरकार का निर्णय मौजूदा समस्या से भी ज्यादा खराब समाधान है।’
First Published: Sunday, June 30, 2013, 18:13