सीबीआई ने सौंपी मनरेगा रिपोर्ट - Zee News हिंदी

सीबीआई ने सौंपी मनरेगा रिपोर्ट

नई दिल्ली : सीबीआई ने मनरेगा योजना के तहत ओड़िशा के छह जिलों में केंद्रीय धन के इस्तेमाल में कथित भ्रष्टाचार के मामले में अपनी जांच रिपोर्ट उच्चतम न्यायालय के समक्ष रख दी।

 

प्रधान न्यायाधीश एस एच कपाड़िया की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष शुक्रवार को सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट रखी गयी। अदालत ने 12 मई, 2011 को सीबीआई को निर्देश दिया था कि याचिकाकर्ता, कैग रिपोर्ट और राष्ट्रीय ग्रामीण विकास संस्थान की सर्वेक्षण रिपोटोर्ं के आधार पर जांच की जाए।

 

ओड़िशा के कालाहांडी, मयूरभंज, रायगढ़, भवानीपटना, कोरापुट और मल्कानगिरी में योजना में कथित अनियमितता के मामले सामने आए। सीबीआई को मामले में अधिकारियों के खिलाफ तफ्तीश करने का निर्देश दिया गया।

 

मामले में याचिकाकर्ता एनजीओ ने कहा था कि रिपोटोर्ं के अनुसार छह जिलों में 53 प्रतिशत से 88 प्रतिशत तक धन का दुरुपयोग किया गया।

 

शीर्ष अदालत ने 16 दिसंबर, 2010 को जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए योजना को उचित तरह से लागू नहीं करने के मामले में केंद्र और राज्य सरकार, दोनों को ही फटकार लगाई थी। पीठ , जिसमें न्यायमूर्ति ए के पटनायक और न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार भी शामिल हैं, ने ओड़िशा, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर और मणिपुर को हलफनामे दाखिल करते हुए यह स्पष्ट करने का निर्देश दिया कि क्या इन राज्यों में मनरेगा का पालन करने में दिशानिर्देशों का पालन हो रहा है। मामले में सुनवाई अब चार सप्ताह बाद होगी।

 

जनहित याचिका दाखिल करने वाले एनजीओ ने उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में भी योजना के क्रियान्वयन में बड़े स्तर पर अनियमितताओं के आरोपों के मामले में सीबीआई जांच का निर्देश देने की मांग की थी। अदालत ने पिछले साल 12 मई को उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सरकारों को इन आरोपों पर नोटिस जारी किये।

 

एनजीओ ‘सेंटर फॉर एनवायरमेंट एंड फूड सिक्योरिटी’ ने सर्वेक्षण कराया था और दावा किया कि योजना के लागू होने में अनियमितताएं पाई गयी हैं।

 

एनजीओ की ओर से वकील प्रशांत भूषण ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार को इस बाबत लिखे पत्रों को पीठ के संज्ञान में लाए। (एजेंसी)

First Published: Sunday, February 12, 2012, 12:56

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