Last Updated: Thursday, January 31, 2013, 19:20

मुंबई : सीबीआई में ईमानदारी की कमी के कारण संप्रग सरकार के बचे रहने का आरोप लगाते हुए राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने गुरुवार को कहा कि संसदीय समिति ने ऐसे सुझाव दिए हैं, जिससे सीबीआई को सरकार के चंगुल से आंशिक रूप से मुक्ति मिल सकेगी।
केसी कालेज में ‘भारत के चुनौतियों से उबरने’ के विषय पर व्याख्यान देते हुए जेटली ने कहा कि केंद्र में सरकार सीबीआई की ईमानदारी की कमी के कारण बची हुई है। उन्होंने कहा कि हर बार संसद में मतदान के दौरान हम पाते हैं कि सीबीआई ने हलफनामे में अपना रूख बदल दिया और समाजवादी पार्टी एवं बहुजन समाज पार्टी ने संसद में अपना रूख बदल दिया।
भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि संसदीय प्रवर समिति ने इस संदर्भ में सुझाव दिया है जिससे सीबीआई को कुछ हद तक सरकार के चंगुल से निकलने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि लोकपाल के संदर्भ में अहम लड़ाई सीबीआई को सरकार के चंगुल से निकालने की है।
नियंत्रण रेखा पर भारत.पाकिस्तान के बीच तनाव के बारे में उन्होंने कहा कि इस तरह से बातचीत से समस्या का हल नहीं निकलेगा। पाकिस्तान को शरारती मंशा वाला राष्ट्र करार देते हुए जेटली ने कहा कि इसमें सेना, आईएसआई, नागरिक सरकार और आतंकवादियों का प्रतिनिधित्व है। माओवाद के विषय का जिक्र करते हुए जेटली ने कहा कि हमें इस विषय पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है कि हम उनसे (माओवादियों) किस प्रकार से निपटेंगे। उन्होंने कहा कि माओवादियों के कब्जे वाले क्षेत्रों के विकास के लिए विकासात्मक और पुलिस कार्यक्रम साथ साथ चलना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक के बिना दूसरा पूरी तरह निर्थक है। आर्थिक मोर्चे पर जेटली ने कहा कि देश को नौ प्रतिशत विकास दर हासिल करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भारत को अगले दशक में नौ प्रतिशत विकास दर हासिल करने की दिशा में प्रयास करना चाहिए। (एजेंसी)
First Published: Thursday, January 31, 2013, 19:20